प्रश्नकाल और मुख्यमंत्री के व्यक्तव्य के बाद गैर सरकारी सदस्य कार्य शुरू हुआ। इसी बीच विपक्ष भी सदन में लौट आया। पहले संकल्प पर भाजपा चीफ व्हीप नरेंद्र बरागटा ने प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं पर पर्यटन नीति को दिशा देने पर समीक्षा की। नरेंद्र बराग्टा ने कहा कि शिमला में कई ऐसे पर्यटक स्थल है जिनको विकसित किया जा सकता है। शिमला में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग और जाम की है जिसको दूर करने के लिए सरकार बाई पास तथा पार्किंग का निर्माण कर रही है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंडी में हवाई अड्डे को निर्माण किया जाएगा। प्रदेश को हवाई सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। शिमला जुब्बल हट्टी हवाई पट्टी को बदलकर सोलन जिला में ले जाने का प्रयास किया जाए ताकि वहां राष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा मिल सके।
पर्यटन पर कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ने भी अपने विचार रखे और कहा कि पर्यटन को बढ़ाने के लिए सरकार को और अधिक प्रयास करने होंगे। क्योंकि अन्य राज्य पर्यटन के क्षेत्र में हिमाचल से आगे निकल गए हैं। चर्चा को आगे बढ़ाते हुए नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में बर्फ़ और प्रकृति का आपार ख़जाना है। रोहतांग में वर्षभर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे और पर्यटक स्थलों को विकसित करने की जरूरत है। ट्रैकिंग, जल खेलों ,सांस्कृतिक पर्यटन और पैराग्लाइडिंग जैसी खेलों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। टूरिज्म पर्यटन पर भी ग्लोबल मीट करवाई जाए।
दोपहर भोजनावकाश बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुआ विपक्ष के तरफ से आशा कुमारी ने सत्ता पक्ष की तरफ़ से एक भी मंत्री सदन में मौजूद न होने पर ऐतराज जताया। इतने में ही संसदीय मंत्री सुरेश भारद्वाज सदन में आ गए उसके बाद मामला शांत हो गया। तत्पश्चात नरेंद्र बरागटा द्वारा पर्यटन पर लाए गए संकल्प पर चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि , सेबभूमि और वीरभूमि है। यहां पर्यटन की आपार संभावनाएं है। चूड़धार का जिक्र करते हुए वर्मा ने इस क्षेत्र को विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने चूड़धार में रहने की सुविधा शुरू करने की मांग उठाई। चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेसी विधायक नंद लाल ने कहा कि नई पर्यटन नीति सरकार का बेहतर प्रयास हैं। बावजूद इसके हिमाचल में पर्यटन की कई संभावनाएं है जिनका दोहन किया जाना चाहिए। उन्होंने सराहन में रोपवे ट्रॉली लगाने का भी प्रस्ताव रखा।
ज्वालामुखी के भाजपा विधायक रमेश धवाला ने पर्यटन नीति पर कहा कि कांगड़ा में खड्डों और नालों के किनारे डैम बनाकर राफ्टिंग की जा सकती है। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। पैराग्लाइडिंग को बढ़ावा दिया जाए। फिशपोंड भी बनाएं जा सकते है। चर्चा में कांग्रेस नेता मोहन लाल बराग्टा ने भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की पैरवी की। रोहड़ू की चांसल वैली को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की बात कही। लेकिन सड़कों की बदहाल स्थिति पर चिंता ज़ाहिर की और सड़कों की वजह से पर्यटकों की कमी आने की बात कही। नाचन के भाजपा विधायक विनोद कुमार ने नई पर्यटन नीति के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। नाचन के लिए नई मंज़िल नई राह सहित शिकारी देवी और अन्य मंदिरों के लिए दो करोड़ से ज़्यादा का बजट दिया।
कांग्रेस के जगत नेगी ने संकल्प पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार द्वारा लाई गई पर्यटन नीति बिल्कुल बेकार है। चंडीगढ़ से शिमला, चंडीगढ़ से रोहतांग और अन्य जगहों पर शौचालय तक नहीं है। सरकार आगे दौड़ पीछे छोड़ की नीति पर चल रही है। सरकार एक मास्टर प्लान बनाए तभी पर्यटन के क्षेत्र का भला हो सकता है। केंद्र से जो 1800 करोड़ आने की बात की जा रही है उसका सही उपयोग किया जाना चाहिए। जनजातीय क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। नई पर्यटन नीति का पुनर्निरीक्षण होना चाहिए। जगत नेगी के हमलों पर मुख्यमंत्री सहित नरेन्द्र बरागटा ने एतराज जताया। पर्यटन पर विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज ने भी अपने विचार रखे और कहा कि चम्बा जिला में भी कई पर्यटन स्थल है। इसमें छोटी सी चिंता है वह है हवाई कनेक्टिविटी की। पठानकोट से चम्बा के लिए हेली टैक्सी से जोड़ा जाए। साथ ही पर्यटन क्षेत्रो में पर्यटन द्वार लगाए जाएं जिसमें सारे पर्यटन स्थलों का जिक्र हो।
पर्यटन पर लाए गए संकल्प में देहरा के विधायक होशियार सिंह ने कहा कि पर्यटन हिमाचल की आर्थिकी की रीढ़ है। प्रसिद्ध क्षेत्र के अलावा नई पर्यटन स्थलों को विकसित कर उनकी मार्केटिंग करने की ज़रूरत है। गोआ जैसे छोटे राज्यों के मुकाबले हिमाचल पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र में Zoo बनाने पर बल दिया। इसके अलावा भाजपा बंजार के विधायक इन्द्र शौरी ने बताया कि बंजार में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की ऐतिहासिक धरोहर है। उसको विकसित करने व मार्केटिंग की ज़रूरत है। कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि पर्यटन पर ये पहली नहीं बल्कि दूसरी नीति है। इससे पहले 2013 में भी नीति आई थी। नई पर्यटन नीति पर बदलाब की जरूरत है। पर्यटन को रोजगार से जोड़ना होगा। हिमाचल में पर्यटन कम हो रहा है। इस पर सरकार को ठोस नीति बनानी होगी। उन्होंने टी टूरिज्म और हेरिटेज पर्यटन शहीदों की गाथाओं को बढ़ावा देने पर बल दिया।
इसके अलावा सदस्य किशोरी लाल इको टूरिज्म पर बल देते हुए इन्वेस्टरमीट में पर्यटन के लिए निवेशकों का रूझान सराहनीय कदम है। शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पहाड़ी प्रदेश को कुदरत ने आपार खूबसूरती बख्सी है। शिमला ग्रामीण में भी वाटर स्पोर्ट्स और इको टूरिज्म की संभावनाएं है।