हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के छठे और अंतिम दिन प्रश्नकाल के दौरान विधायक अनिरुद्ध सिंह ने करुणामूल्क आधार पर नियुक्तियों को लेकर मुद्दा उठाया। कांग्रेस के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इसका समर्थन किया। जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि करुणामूल्क आधार पर नौकरियां देना बहुत जरूरी है। ऐसे मामले ज्यादा समय तक लंबित नहीं रहने चाहिए। लेकिन इसे आधिकारित तौर पर नहीं लिया जा सकता। ऐसे मामले सामने आने पर एक दिन भी पेंडिंग नहीं रहने चाहिए।
वहीं, कांग्रेस विधायक सुक्खू ने सुझाव देते हुए कहा कि क्लास थ्री और क्लास फोर इसमें आय सीमा से बाहर होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने सुक्खू के इस सुझाव का समर्थन किया और कहा कि सरकार नहीं चाहती कि इस तरह के फैसले लेकर मामलों को कोर्ट में पहुंचा दें।
विधायक जगत सिंह नेगी ने सदन में मुख्यमंत्री से सेवाकाल बढ़ाने का सवाल उठाते हुए पूछा कि 2018 से अब तक कितने कर्मचारियों-अधिकारियों का सेवाकाल बढ़ाया गया है। इसपर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि अब तक 12 कर्मचारियों को एक्सटेंशन दी गई है।
इस पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि ये सूचना सदन को गुमराह करने वाली है। नेता प्रतिपक्ष को आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को रिम्प्लॉयमेंट दी है एक्सटेंशन नहीं। मुख्यमंत्री के इस जवाब से सदन में गहमागहमी हो गई। विपक्ष ने मुख्यमंत्री से शब्दों का हेर-फेर न करने का आग्रह किया और कहा कि सरकार को मनसा स्पष्ट करनी चाहिए।