क्रिसमस डे के मौके पर राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज़ मैदान में स्थित क्राइस्ट चर्च में लगी 150 साल पुरानी बेल की मधुर आवाज गूंजी है। 35 साल के बाद इस बेल की आवाज़ पर्यटकों और शिमला के लोगों को सुनाई दी। इस बेल में 6 पाइप छह सरगम सुरों के रूप में हैं। जिन्हें हाथों से रस्सों के सहारे खींच कर बजाया जाता है। ब्रितानिया हकूमत के समय तक क्राइस्ट चर्च में बजने वाली इस बेल को क्रिसमस, न्यू ईयर की रात 12 बजे और प्रार्थना सभा के शुरू होने से पहले बजाया जाता था।
35 साल तक खराब पड़ी इस बेल को मिस्टर विक्टर डीन ने ठीक किया है। इन्होंने इस बेल के पार्ट्स को नए सिरे से बनाया व सारी खराब मशीनरी को बदलकर बजाने के क़ाबिल बनाया। इसके साथ ही इसमें पेंट कर रगड़ कर नए हैमर, । वायर, रस्सा लगाया तब जाकर ये बेल आज बजने के क़ाबिल हुई। इस बेल के कुछ पुर्जे चंडीगढ़ से लाए गए हैं जबकि कुछ शिमला में ही तैयार किए गए। उस ज़माने में इस बेल की आवाज तारादेवी व छोटा शिमला तक सुनाई देती थी। लेकिन अब इसकी मधुर ध्वनि रिज के आसपास की सुनाई दी। विक्टर डीन कहते हैं कि बचपन मे उन्होंने इस बेल को बजाया था वह इसके बारे में थोड़ा बहुत जानते थे इसलिए उन्होंने इस बेल को दरुस्त किया है।
150 साल पुरानी इस बेल को इंग्लैंड से यहां लाया गया था। जब इस बेल को यहां लाया गया तो उसके बाद 1982 तक लगातार इसकी आवाज से ऐतिहासिक चर्च ओर राजधानी शिमला गूंजती रही। लेकिन उसके बाद इस बेल में तकनीकी ख़राबी आई उसको आज तक ठीक नहीं किया जा सका। अब जाकर शिमला के ही निवासी मिस्टर विक्टर डीन ने इसे ठीक किया और बजने के क़ाबिल बनाया।