अतितिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ऊना मनीषा गोयल की अदालत ने एक महिला समेत दो लोगों को धोखाधड़ी के दोष में विभिन्न धाराओं के तहत पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 20-20 हजार रूपये जुर्माना अदा करना को कहा है। जुर्माना न देने की सूरत में दोषियों को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जिला न्यायवादी भीषम चंद ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि संतोषगढ़ निवासी दोषियों नानक चंद और जीवन लता उर्फ सुमन लता के खिलाफ 27 फरवरी 2008 को हरोली थाना में एक महिला ने केस दर्ज़ करवाया कि जीवन लता ने खुद को पीडि़ता की जमीन की मालकिन बताते हुए उसका प्लॉट नानक चंद नाम के व्यक्ति को बेच दिया। पुलिस ने पीडि़ता महिला की शिकायत के आधार पर जीवन लता और नानक चंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज़ करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी। जिसकी बाद में कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की गई। इस केस में करीब 12 गवाह भी पेश किए गए। दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर एसीजेएम मनीषा गोयल ने जीवन लता और नानक चंद को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। जिला न्यायवादी भीषम ठाकुर ने बताया कि अदालत में मामले की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी प्रमोद कुमार नेगी ने की।