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405 करोड़ की लागत से सतलुज नदी से 67 MLD पानी पहुंचेगा शिमला

पी. चंद, शिमला |

राजधानी शिमला में साल 2018 में गर्मी के मौसम में हुई पानी की कमी को दूर करने के लिए सरकार सुन्नी के चाबा से 10 एमएलडी पानी गुम्मा पम्पिंग स्टेशन तक पहुंचाया गया, जंहा से पानी की सप्लाई शिमला भेजी गई। जिसकी बदौलत शिमला शहर में साल 2019 में पानी की कमी नहीं हुई। इस योजना को सरकार ने 140 दिन में पूरा किया और लगभग 70 करोड़ का खर्च आया। भविष्य में शहर में इस तरह पानी की कोई कमी न हो इसके लिए प्रदेश सरकार सतलुज नदी से 405 करोड़ रुपये की लागत से 67 एमएलडी पानी की योजना की नींव रखी है। जिसे साल 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जयराम ठाकुर ने कहा कि राजधानी के साथ-साथ एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल होने के चलते शिमला में हर साल भारी संख्या में पर्यटक घूमने पहुंचते हैं। जिसके कारण पानी की मांग बढ़ जाती है। उसे पूरा करने के लिए सरकार ने एक दुर्गामी योजना पर काम करना शुरू किया है। 2050 तक शिमला में पानी की जितनी खपत की जरूरत होगी उसे इस उठाऊ पेयजल के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आज शिमला के आईजीएमसी में 32 करोड़ की लागत से बनने वाली 1500 गाड़ियों के लिए पार्किंग का शिलान्यास भी किया।