पूरे देश भर में सड़क दुर्घटनाओं या अन्य दुर्घटना में डेढ़ लाख के लगभग लोगों की मौत होती है। मरने वालों में अधिकतर युवा होते हैं और वाहनों के टूटने, केसों, इंश्योरेंस के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। डीआईजी नार्थ जोन संतोष पटियाल ने कहा कि डेढ़ लाख यंग आबादी को हर साल खोना देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। पटियाल ने कहा कि ट्रैफिक के तीन पार्ट हैं इंजीनियरिंग, एजुकेशन, इन्फोर्समेंट, इन्फोर्समेंट का पार्ट पुलिस निभाती है।
पुलिस का बेसिक पर्पज चालान करना नहीं है, ज्यादा चालान से पर्यटक भी निराश होते हैं। ऐसे में उन एरिया को आईडेंटीफाई करके, जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं, किस समय होती हैं, किस तरह के वाहनों के होते हैं, उन प्वाइंटस को देखते हुए रणनीति बनाकर पुलिस की मौजूदगी वहां बढ़ाकर, ब्लैक स्पॉट में सुधार और ह्यूमन एरर को कम करके मानव जीवन और प्रॉपर्टी के नुकसान को कम किया जा सके। डाआईजी ने कहा कि पिछले साल पूरे नार्थ जोन में देखें तो दुर्घटनाएं कम हुई हैं, हालांकि चालान भी हुए हैं। कुछ रोड़ ऐसे होते हैं, जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। शाम और सुबह के समय दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं और यंग लड़कों की दुर्घटनाएं अधिक होती हैं।