मरीजों को आपात हालात में 108 एंबुलेंस सुविधा चाहिए तो पहले एंबुलेंस चालक और कर्मचारियों को कॉल कर कनफर्म कर लें । कहीं 108 स्टार्ट नहीं हुई तो आपके साथ धोखा हो सकता है । कारण, 108 एंबुलेंस की इस वक्त इतनी खस्ता हालत है कि सुबह एंबुलेंस के चालकों को गाड़ी को स्टार्ट करने के लिए पहले लोगों से धक्का लगवाना पड़ता है । अगर फिर भी स्टार्ट नहीं हुई तो दूसरी गाड़ियों से खींच कर स्टार्ट करना पड़ता है । उसके बाद मरीजों कि सेवा के लायक बनाया जाता है ।
इतना कुछ करने के बावजूद भी गाड़ी स्टार्ट नहीं होती तो ऐसी सूरत में मरीज को अस्पताल लेने के लिए तीमारदारों के पास निजी गाड़ी करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचता है और उन्हें सरकार की निशुल्क सेवा के बदले में अपनी जेबें ढीली कर निजी गाड़ियों के माध्यम से अस्पताल पहुंचा कर उपचार करवा सकते हैं। ऐसा ही मंजर आज कल जिला के विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध एंबुलेंस देखने को मिल रहा है ।
ऐसा ही नजारा दिखा, सलूणी अस्पताल में । जहां एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई तो चालक ने लोगों का सहारा लेकर स्टार्ट करने का प्रयास लिए मगर गाड़ी स्टार्ट नही हुई नहीं हुई तो उसे मजबूर होकर पथ परिवहन निगम की गाड़ी सेखींच कर स्टार्ट करना पड़ा । यह सिलसिला एक दिन का नहीं है । हर दिन सुबह चालकों को ऐसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
मगर प्रबन्धन की ओर से गाड़ियों कि खस्ता हालत में सुधार लाने के लिए कोई व्यवस्था न करने से चालक के साथ मरीजों को भी असुविधा हो रही है । लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि जिला में मरीजों के लिए अपातकालीन सेवा के लिए एम्बुलेंसों की मरम्मत करवाई जाए ताकि लोगों असुविधा का सामना न करना पड़े।