मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज देहरादून में एक प्रेस सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 केवल उन अल्पसंख्यक समुदायों की सहायता के लिए हैं। जो तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। इस अधिनियम से किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी और न ही यह किसी समुदाय या संप्रदाय के विरुद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और लियाकत अली के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। भारत इस समझौते पर कायम है लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति दयनीय हैं। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर हिन्दुओं, जैन, सिख, बुद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को अभियोग का सामना करना पड़ा है। इसके कारण इन तीनों देशों से अल्पसंख्यक व्यापक स्तर पर शर्णार्थी बनकर आ रहे हैं।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे है और झूठे बयान देकर लोगों को भ्रमित कर रहे है। इस अधिनियम में देश में रह रहे अल्पसंख्यकों के विरुद्ध कुछ नहीं है क्योंकि वे पहले ही भारत के नागरिक हैं। यह अधिनियम केवल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिन्दू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के शर्णार्थियों के लिए है जिन्होंने अत्याचारों के कारण अपना देश छोड़ा है। उन्होंने कहा कि ननकाना साहिब की घटना पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हो रहे अत्याचार का उदाहरण है। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को राई का पहाड़ बनाकर लोगों को गुमराह कर रही है जबकि यह अधिनियम देश के किसी भी नागरिक के अहित में नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में हर अल्पसंख्यक पूरी आज़ादी के साथ अपने धर्म का पालन करने के लिए सुरक्षित और स्वतंत्र है। पिछले पांच सालो में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 566 मुसलमानों को भारतीय नागरिकता दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मूल के उपरोक्त समुदायों के कई लोग नागरिकता अधिनियम, 1955 के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन कर रहे हैं लेकिन भारतीय होने का सबूत देने में वे सफल नहीं हो पा रहे है इसलिए उन्हें नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। देश आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार में सुरक्षित है और तेजी से विश्व शक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में भारत ने अपने वैभव का पुनः वापस पाया है। यहां तक कि शक्तिशाली राष्ट्रों के नेताओं ने भी नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व का लोहा माना है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिणाम है जिसके फलस्वरूप आज भारत एक राष्ट्र है जिसका एक संविधान और एक ध्वज है।