हिमाचल में जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, पार्टी के नेताओं की धड़कनें भी तेज होती जा रही हैं। यह वो समय है जब जनता नेताओं से हिसाब मांग रही है। धर्मपुर विधानसभा के संधोल क्षेत्र के लोगों ने इस बार चुनावों के बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
लोगों का आरोप है कि क्षेत्रवाद के नाम पर राजनीति का शिकार यह क्षेत्र पिछड़ गया है। सबसे पुरानी तहसील आज राजनीति का रोना रो रही है। तीन जिलों हमीरपुर,कांगडा और मंडी के अंतिम छोर पर स्थित इस क्षेत्र का आलम यह है कि डिग्री कॉलेज, आई.टी.आई, केंद्रीय विधालय संधोल, माध्यमिक स्कूल संधोल के परिसर में ही चल रहे हैं।विकास के नाम पर जनता से धोखा किया गया है।पिछले 5 सालों से सरकार ने इस इलाके को नजरअंदाज किया है।यहां की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है क्योंकि यहां के लोगों को ना रोजगार मिला और ना ही उनके इलाके का विकास हुआ, इसी अनदेखी के चलते संधोल तहसील की बैरी पंचायत ने पहल कर बहिष्कार का मन बनाया है।
निर्वाचन जिला अधिकारी इन पंचायतों से बैठक कर चुके है ,लेकिन संधोल के लोगों ने बहिष्कार करने के इरादे का त्याग नहीं किया है। अब चुनावी दौर होने के कारण नेतागण संधोल की जनता के आगे नतमस्तक होने को मजबुर हैं,विधायक महेंद्र सिंह व भाजयुमो महामंत्री रजत ठाकुर संधोल क्षेत्र में लगातार घुम रहे हैं, वही बीजेपी महिला मोर्चा की अगुवाई कर रही पूर्व जिला परिषद और विधायक की पुत्री वंदना गुलेरिया सेल्फिंया लेकर सोशल मीडिया पर डाल रही हैं।
संधोल बहिष्कार करता है या नहीं यह तो नो नवंबर में ही पता चलेगा परंतु चुनावी दौर में संधोल में पसरा सन्नाटा कुछ अलग होने की संम्भावना से भी इनकार नही करता।