जिला बिलासपुर में स्वास्थ्य खंड घुमारवीं के अंतर्गत आने वाले डीएवी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घुमारवीं में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत स्कूल में नशा निषेध के ऊपर शिवर का आयोजन किया। इस शिविर में उपस्थित स्कूल के बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षक घुमारवीं सुरेश चंदेल ने स्कूल के बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से जागरूक किया। चन्देल ने कहा कि नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करके हम कुछ हद तक नशे की तरफ जाने वाले लोगों को बचा सकते हैं। उन्होंने बच्चों को नशे से दूर रहने की सलाह दी। चन्देल ने कहा कि नशे से समाज मे अपराध, बालात्कार, चोरी, दुर्घटना आदि बढ़ रही है। उन्होंने बच्चों को सलाह दी कि नशे का कभी कोई मुकाबला न करें बल्कि पढ़ाई में मुकाबला करें और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें।
उन्होंने बताया कि आज कल के युवा ज्यादातर नशे की चपेट में आ रहे हैं। युवक विभिन्न प्रकार के माध्यम से नशा करने के आदि हो गए हैं। जो शरीर के लिए घातक है और इस नशे से शरीर मे बहुत सी बीमारियां लग रही हैं। जैसे कि मुंह का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, लिवर का कैंसर, ह्रदय रोग होने की अधिक संभावना होती है। चन्देल ने बताया कि 2003 में कोटपा एक्ट के अनुसार किसी भी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को 200 रुपये जुर्माने का प्रावधान है और 18 साल से कम आयु के बच्चों को सिग्रेट और तम्बाखू बेचना कानूनी अपराध है। इसके लिए जुर्माना और सजा का प्रावधान है और किसी भी शिक्षण संस्थान की 100 गज क्षेत्र में सिग्रेट और तम्बाखू बिक्री निषेध है।
उन्होंने इस शिवर में एड्स बीमारी के बारे में भी बच्चों को जागरूक किया कि यह बीमारी कैसे होती है। इस बीमारी से हम अपने आप को और लोगों को कैसे बचा सकते हैं विस्तार पूर्वक बताया। इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल विनोद शर्मा ने भी बच्चों को नशे से बचने की सलाह दी। नशे के दुष्प्रभाव के बारे में अन्य लोगो को भी जागरूक करने की सलाह दी।