मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जुबान अक्सर फिसल जाती है। नतीजा कि उनकी जुबान ने फिर से काम ख़राब कर दिया है। धर्मशाला में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अर्की विधानसभा क्षेत्र के लोगों की संज्ञा कुत्ते-बिल्ली की दे दी और इसे विपक्ष ने फटाक से लपक भी लिया। हालांकि, मुख्यमंत्री को बयान देते ही गलती का एहसास हो गया था, लिहाजा उन्होने अपने भाषण की अगली ही लाइन में इसके लिए खेद भी प्रकट कर दिया।
कहा जाता है कि तीर कमान से और शब्द जुबान से निकल जाए तो कभी लौट के वापस नहीं आते। अब बीजेपी कह रही है कि मुख्यमंत्री की दिल की बात स्वत: उनकी जुबान पर आ गई है। उन्होंने अर्की के लोगों का अपमान किया है। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय ने कहा कि दो-तीन दिन पहले वीरभद्र सिंह ने अर्की की जनता को कुत्ते-बिल्ली कहकर अपमानित किया है। अब जनता को तय करना है कि उनको अपमानित करने वाला व्यक्ति उनका नेता नहीं हो सकता।
दरअसल, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अर्की से नामांकन दाखिल करने के बाद धर्मशाला में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्की में लोग कुत्ते-बिल्ली की तरह लड़ते हैं, लेकिन फिर भी समझदार हैं। हालांकि, अगले ही संबोधन में उन्होंने अपने शब्द वापस लेने की बात कही और खेद प्रकट किया।
लेकिन, जो होना था वह हो गया। अब उनका यह बयान एक मिसाल बन गया है और अर्की विधानसभा क्षेत्र में उनके विरोधियों के लिए एक बड़ा हथियार हाथ लग गया है।