जिला बिलासपुर के स्कूलों में अभी भी वार्षिक समारोह बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। सरकार एक तरफ शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देकर निर्धारित तिथि तय करती हैं, पर वह क्या निजी स्कूलो तक ही सीमित है और सरकारी स्कूलों में बड़ी धूमधाम से वार्षिक समारोह मनाया जा रहा है जिसमें खुद सरकार के नुमाइंदे मुख्यतिथि के रूप में शिरकत कर रहे हैं और नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। सरकार के द्धारा जो दिनांक तय की गई हैं वह 31 दिसंबर तक की है और अगर फिर भी कोई स्कूल वार्षिक समारोह मनाता है तो वह स्कूल छुट्टियों में मना सकता है, लेकिन जिला के अधिकतर स्कूलों में वार्षिक समारोह मनाए जा रहे हैं जो बिना रोक टोक के बच्चों की पढ़ाई की चिंता किए बिना रूटीन वाले दिनों में मनाए जा रहे हैं ।
यहां प्रश्न यह उत्पन्न होता हैं कि अगर यह समारोह बच्चों की पढ़ाई की चिंता किए बिना प्राधानाचार्य के द्धारा राजनीतिक आकांओ को खुश करने के लिए अधिकारियों के बिना रोक टोक से मनाए जाते हैं, तो नियम बनाने की जरूरत ही क्या है। सरकार एक तरफ नियम बनाती हैं तो दूसरी तरफ उसके ही नुमाइंदे इन नियमों को तोड़कर अपनी राजनीति का प्रभुत्व दिखाते हैं। स्कूलों में मनाया जाने वाला यह समारोह बच्चों से कई दिनों तक तैयारी भी करवाई जाती है और अब लगभग दो महीनों बाद बच्चों के वार्षिक परिक्षाएं देनी होती हैं। उच्च शिक्षा निदेशक प्रकाश धीमान ने कहा कि मुझे इस संदर्भ में जानकारी नहीं है, फिर भी इसका निरिक्षण करके ही कुछ कह पाऊंगा।