राजधानी शिमला में पानी के भारी-भरकम बिलों ने आम जनता का जीना मुश्किल कर दिया है। शिमला जल प्रबंधन कंपनी ने शहर के उपभोक्ताओं को एक साथ 8 महीने के पानी के बिल जारी किए हैं। बिल की भारी भरकम रकम को देखकर उपभोक्ता सख़्ते में आ गए हैं। जल प्रबंधन कंपनी की ओर से उपभोक्ताओं को 1 लाख से लेकर 7 लाख रुपए के भारी-भरकम बिल जारी किए गए हैं, जिससे शहर में हड़कंप मचा हुआ है।
कंपनी के इस कारनामे ने जनता की परेशानी बढ़ा दी है। इन पानी के बढ़े बिल्स को लेकर सीपीएम ने जल प्रबंधन निगम के यूएस क्लब में स्थित कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान माकपा ने नगर निगम और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
शिमला नगर निगम के पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि जब से शिमला में भाजपा शासित नगर निगम आया है और प्रदेश में भाजपा की सरकार आयी है तब से सारी मूलभूत आवश्यकताओं की जितनी भी चीजे है वे निजी हाथों में दी जा रही है। लोगों के हाथों में पिछले 8महीनों के बिल थमा दिए है जो कि बहुत अधिक है। उन्हें ये समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें जल निगम कम्पनी ने शहर के लोगों को पानी बांटा है या सोना। बढ़े हुए पानी के बिल्स को कम्पनी को वापस लेना चाहिए।
कंपनी की ओर से घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ताओं को अप्रैल से लेकर अक्तूबर महीने के बिल थमाए गए हैं, जिन्हें 4 फरवरी तक उपभोक्ताओं को जमा करवाना होगा। अगर जल्द सरकार और निगम इसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया तो विरोध तेज किया जाएगा।