HRTC ने सफर के दौरान यात्रियों को सस्ता खाना देने के लिए प्रदेश भर में 113 ढाबे चयनित किए हैं। साथ ही HTRC ने बसों के चालक परिचालकों को आदेश दिए हैं कि वे चयनित ढाबों पर ही बस रोककर यात्रियों के बेहतर और सस्ता भोजन करवाएं। लेकिन बावजूद इसके निगम के चालक परिचालक सरकार और निगम के आदेशों की अवहेलना कर अपनी मर्जी से बसों को दूसरे ढाबों पर रोक रहें हैं। जिसका खामियाजा बस में सफर कर रहे यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है और उन्हें महंगे दाम में खाना मिल रहा है।
ऐसा ही एक मामला शनिवार को सामने आया है। जहां HRTC की दो बसें सुनारा में खाना खाने के लिए रुकी। इनमें से एक बस नालागढ़ डीपो की है जो पठानकोट से शिमला जा रही थी। जबकि दूसरी बस सोलन डीपो की है जो चंडीगढ़ से थानेदार जा रही थी। खास बता यह है कि यहां पर दो ढाबे हैं। जिनमें से एक ढाबा पवन कुमार का है जो सरकार द्वारा मंजूर किया गया है और जहां 60 रुपये प्रति प्लेट भोजन दिया जाता है। जबकि दूसरा ढाबा प्रदीप भोजनालय है जहां 90 रुपये प्रति प्लेट खाना दिया जाता है औ जो सरकार द्वारा मंजूर नहीं है।
लेकिन शनिवार को निगम की ये दोनों बसें सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए प्रदीप भोजनालय में रुकी जहां यात्रियों से 90 रुपेय प्रति प्लेट के हिसाब से खाने के बसूले गए। बस में सफर कर रहे यात्रियों ने इसकी शिकायत परिवहन मंत्री और HRTC के मैनेजिंग डायरेक्टर से की है और बसों के चालक परिचालक के प्रति जांच की मांग की है। शिकायतकर्ता ने बकायदा बस की फोटो और ढाबे की फोटो भी भेजी है।
गौरतलब है कि सप्ताह भर पहले HRTC ने प्रदेशभर में 113 ढाबों को चयनिय किया है और महंगे दाम पर भोजन देने वाले ढाबों के ब्लैकलिस्ट कर रद्द किया है। परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने खुद इन ढाबों को निरीक्षण कर ज्यादा दाम बसूलने वाले ढाबों को ब्लैक लिस्ट किया है। साथ ही उन्होंने बस में सफर करने वाले यात्रियों से अपील की थी कि अगर बस के चालक अपनी मनमर्जी करें तो वे इसकी शिकायत करें। लेकिन निगम के चालक परिचालक कमिशन के चक्कर में सरकार के आदेशों की अवहेलना कर अपनी मर्जी के ढाबों पर बस रोककर यात्रियों को महंगे दाम पर भोजन करने को मजबूर कर रहे हैं।