परिवहन व्यवस्था में सुधार और दुर्घटनाएं रोकने के लिए महकमा बड़े स्तर पर प्रयास कर रहा है। इसके लिए विभाग के निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया ने कांगड़ा जिला के चालकों एवं परिचालकों को रोड सेफ्टी को लेकर जागरूक किया। उन्होंने कहा कि इंटर सिटी सुपर डील्क्स बस सेवा में यात्रियों को आरामदायक सेवाएं मुहैया करवाने पर फोकस किया जा रहा है। इनमें प्री बुकिंग पर लैक्सी किराया यानि पहले वुकिंग करने पर सस्ती टिकटें भी दी जाएंगी। कैप्टन पठानिया ने कहा कि विभाग ने कांट्रैक्ट कैरिज के परमिट ऑनलाइन देने की शुरूआत भी की है।
परिवहन निदेशक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य में गठित रोड सेफ्टी शैल में 5 विभागों परिवहन, पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य और लोक निर्माण के अधिकारी मिलकर काम करेंगे। यह शैल प्रदेश में सड़क हादसे कम करने के लिए रोड सेफ्टी को एक कल्चर बनाने पर काम करेगा। इसके तहत वर्कशाप, नुक्कड़ नाटक और स्कूलों में वालंटियर अध्यापकों की मदद से बड़ी कक्षाओं के बच्चों के लिए लैक्चर आयोजित होंगे। हर 3 माह में चालकों को जागरूक किया जाएगा। रोड सेफ्टी शैल सूबे में जेब्रा क्रॉसिंग और ट्रैफिक लाइट्स भी डिवैल्प करेगा। रोड सेफ्टी के लिए हर साल पीडब्लयूडी, पुलिस और परिवहन विभाग को केंद्र से मिलने वाला करोड़ों का फंड भी अब शैल ही खर्च करेगा।
परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया ने कांगड़ा के ट्रांसपोर्टरों के साथ रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी की बैठक कर निजी बस आप्रेटरों को 51 नए रूट अलॉट किए। इसके अलावा नगरोटा बगवां, ज्वालाजी, धर्मशाला, मकलोडगंज, फतेहपुर और 53 मील में ऑटो रिक्शा के 60 फीसदी नए रूट अलॉट किए गए। परिवहन विभाग द्वारा राज्य में होने वाले हादसों की डाटा स्टडी में सामने आया है कि करीब 95.04 फीसदी हादसे मानवीय चूक के कारण होते हैं। इसमें ओवर स्पीड, रैश ड्राइविंग, ड्रंकन ड्राइव और सीट बैल्ट एवं हैल्मेट न लगाना आदि कारण मुख्य हैं। राज्य में हर साल करीब साढ़े 3 हजार हादसे हो रहे हैं। इन हादसों में हर साल करीब 1250 लोगों की मौत और करीब 5500 लोग ज मी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि समूचे देश में सड़क हादसों में 0.46 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। ऐसे में रोड़ से टी पर सेमीनार करने के बजाए इसे कल्चर बनाना पड़ेगा, जिसके लिए उन्होंने समाज के सभी वर्गों से इस दिशा में सार्थक प्रयास कर सहयोग देने का आह्वान किया है।