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कांगड़ाः चामुंडा नंदीकेश्वर धाम का DC ने किया औचक निरीक्षण

मनोज धीमान |

उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ चामुंडा नंदीकेश्वर धाम का डीसी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने औचक निरीक्षण किया। जिला प्रशासन को मंदिर के रसोई घर का रखरखाव सही न होने संबंधी शिकायतें मिल रही थी। डीसी ने जहां मंदिर में चल रहे सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्यों की समीक्षा की, वहीं तीन साल से बन रहे शिव मंदिर के निर्माण में गति लाते हुए इसे छह माह में पूरा करने के निर्देश जारी किए। यही नहीं डीसी ने विकास कार्यों में हो रही देरी पर जहां अधिकारियों को फटकार लगाई, वहीं विभिन्न कार्यों संबंध अधिकारियों और मंदिर स्टाफ की जिम्मेवारी भी तय की। एडीबी के तहत चामुंडा मंदिर के सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्यों के लिए साढ़े सात करोड़ के करीब राशि स्वीकृत की गई है। मंदिर में चल रहे सौंदर्यीकरण के कार्यों को समयबद्व पूरा करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं ताकि श्रद्वालुओं को बेहतर सुविधा मिल सके।

डीसी ने कहा कि मंदिर परिसर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है इसके साथ मंदिर प्रशासन को नियमित तौर पर स्वच्छता का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। लंगर में भी श्रद्वालुओं के लिए बेहतर भोजन व्यवस्था के दिशा निर्देश दिए गए हैं। मंदिर में देश और विदेशों से हर साल लाखों श्रद्वालु माथा टेकने आते हैं और श्रद्वालुओं को किसी भी तरीके से असुविधा न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। चामुंडा में पार्किंग की भी बेहतर व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने कहा कि मंदिर का औचक निरीक्षण करके एडीबी के तहत चल रहे कार्यों और शिव मंदिर निर्माण कार्य की समीक्षा की गई है। रसोई घर का भी निरीक्षण किया, क्योंकि इसका रखरखाव सही न होने की शिकायतें मिल रही थी। इस दौरान मौके पर मंदिर स्टाफ की जिम्मेवारियां तय की गई हैं। मंदिर प्रशासन को एडीबी के कार्यों को मार्च 2020 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। 3 साल से शिव मंदिर का कार्य चल रहा है जिसकी लागत 8 करोड़ है, इसके कार्य को छह माह में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

मंदिर में माता के दर्शनों के लिए आए श्रद्धालु ने कहा कि पहले मंदिर आते थे तो काफी भीड़ लगी रहती थी। अब मंदिर परिसर काफी खुला हो गया है। निर्माण कार्य हो रहे हैं और मंदिर की प्रगति हो रही है। वहीं, मंदिर में दर्शन करने आए एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि पहले मंदिर के रास्ते में मार्केट होती थी, जिसकी वजह से रास्ता तंग था। अब काफी खुला हो गया है। मंदिर का सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा है, ऐसे में श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं होती।