नगर निगम धर्मशाला ने नये साल की पहली मासिक बैठक का आयोजन किया। मेयर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और प्रस्ताव भी पारित हुए। यहां सबसे अहम फैसला प्रॉपर्टी टैक्स के बायलॉज को लेकर किया गया। प्रॉपर्टी टैक्स के तहत ग्रीन बिल्डिंग के लिए 50 फीसदी की छूट के साथ बीपीएल के दायरे में आने वाले परिवारों को हाउस टैक्स में पूरी तरह से छूट देने के साथ-साथ गऊशालाओं को भी इस टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। इसके साथ ही कई और अहम मुद्दों पर भी सदन में प्रस्ताव लाए गए थे।
बावजूद इसके इससे पहले कि उन्य प्रस्तावों पर सदन में चर्चा होती पार्षदों ने विकास कार्यों में आने वाली रुकावटों को लेकर हो-हल्ला करना शुरू कर दिया। माहौल इतना गर्म हो गया कि सदन के मुद्दे उनकी मुखरता के आगे गौण हो गए। दरअसल, पार्षदों का आरोप था कि जब भी वो अपने इलाके की जनता के कामकाज को लेकर नगर निगम कार्यालय में आते हैं तो यहां विकास कार्यों को सिरे चढ़ाने की बजाय उन्हें ही नसीहतें देनी शुरू कर दी जाती है। पिछले लंबे समय से लोगों के घरों के नक्शे पास नहीं हो पा रहे जिसकी वजह से कई लोग अपने नये मकानों का सपना ही साकार नहीं कर पा रहे।
निगम धर्मशाला के मेयर देवेंद्र जग्गी ने कहा कि आज की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है। लेकिन निगम के कर्चमारियों के ढुलमुल रवैये के चलते बीती बैठकों में तैयार किए गए एस्टिमेट और टैंडर प्रक्रियाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा। उसको लेकर अब पार्षद चुप बैठने वाले नहीं है इसलिये निगम के कमीश्नर प्रदीप ठाकुर को सख्त लहजे में चेतावनी दे दी गई है कि अगर आगामी 9 फरवरी तक उनके काम सुचारू रूप से नहीं चले तो उनके कार्यालय के बाहर तमाम पार्षद धरने पर बैठ जाएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि निगम में कुछ लोगों के काम हो रहे हैं और कुछ लोगों के काम को लटकाने का काम हो रहा है जिससे निगम की छवि पर भी बट्टा लग रहा है। वहीं, उन्होंने लम्बे अरसे से स्टाफ की कमी के चलते नक्शे पास न होने और कई विकास कार्यों के रुक जाने पर भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। साथ ही जग्गी ने कहा कि वो अब चार साल हो चुके हैं स्टाफ का रोना नहीं रोया जा सकता विकास कार्यों को कैसे पंख लगाने हैं ये अब उन्हें अपने ही स्तर पर सोचना होगा।