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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के तहत जिला ऊना में 1011 मामले स्वीकृत

रविंदर, ऊना |

जिला ऊना में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के 1011 मामले स्वीकृत किए गए है। सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को जीवन-यापन में मदद करने के लिए हर महीने एक तय रकम देने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना की शुरूआत हुई। इस योजना के अंतर्गत जिला ऊना में 1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर, 2019 तक कुल 1011 मामले स्वीकृत किए गए हैं। राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत विधानसभा क्षेत्र चिंतपूर्णी में 279 मामले, गगरेट में 264 मामले, ऊना में 183 मामले, हरोली में 122 मामले तथा कुटलैहड़ में 163 पेंशन के मामले पिछले दो वर्षों में स्वीकृत किए गए। पात्र व्यक्तियों को इस पेंशन सुविधा का लाभ प्रदान करने के लिए अप्रैल 2019 से अब तक 1.30 करोड़ की धनराशि आंबटित की गई। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना की शुरुआत वर्ष 1995 में हुई थी। इस पेंशन योजना का क्रियान्वयन केंद्र और राज्य, दोनों सरकारें मिलकर करती हैं। इसमें लाभ पाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को जो रकम मिलती है उसमें कुछ हिस्सा केंद्र का होता है और कुछ राज्य का होता है।

1500 रुपए तक पेंशन देने का प्रावधान

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के आवेदक को गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार से संबंधित होना चाहिए। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार से संबंधित व्यक्तियों को 60 से 69 वर्ष की आयु सीमा में पेंशन के रूप में 850 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाते हैं। राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ केवल उन्हीं वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाता है, जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है। 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को 1500 रुपए मासिक पेंशन प्रदान करने का प्रावधान है। अगर आवेदक के परिवार में पुत्र या पौत्र 20 साल से अधिक उम्र का हो, लेकिन वह भी गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रहा हो, तब भी इस योजना का लाभ आवेदक को प्रदान किया जाता है।

घर बैठे करें पेंशन के लिए आवेदन

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के बारे में जिला कल्याण अधिकारी ऊना सुरेश शर्मा ने बताया कि लाभार्थी अब इस योजना के लिए घर बैठे भी आवेदन कर सकते हैं। एक अप्रैल 2016 से इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसके अलावा संबंधित तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में भी संपर्क किया जा सकता है। इसके लिए आवेदक को पूर्ण रुप से भरे हुए आवेदन पत्र के साथ परिवार रजिस्टर की नकल, आधार कार्ड, ग्राम सभा का प्रस्ताव, फोटो, बीपीएल प्रमाण पत्र, पोस्ट ऑफिस का खाता तथा स्थाई निवासी होने का प्रमाण पत्र साथ लाना होगा।

वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इसीलिए सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में ही प्रदेश सरकार की ओर से प्रदान की जाने वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष की गई। इससे उनमें आत्मविश्वास व आत्म सम्मान की भावना जागृत हुई है।