नगर परिषद नेर चौक के पार्षद एव मज़दूर नेता रजनीश सोनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला के एकमात्र स्वास्थ्य संस्थान लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेर चौक में दिन प्रतिदिन घटित हो रहे जानलेवा मामलों के लिए प्रदेश सरकार और मेडीकल कॉलेज और अस्पताल का प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले के एकमात्र मेडिकल अस्पताल में हो रहे दिनप्रतिन हो रहे हादसों की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है। इन मामलों पर बल्ह के विधायक भी चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में हो रहे हादसों के लिए सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और जहां कमियां रह गई हैं उनको दुरुस्त करना चाहिए। यदि सरकारी हस्पताल परिसर में उपचाराधीन मरीज़ ही सुरक्षित नहीं है तो सार्वजनिक स्थानों के हालत बदतर ही होगी।
निजी आउटसोर्सिंग कम्पनियों ने नेताओं के खासमखास लोगो को यहां सुरक्षा, सफाई कर्मचारी, वार्ड अटेंडेंट, आदि पदों पर तैनाती दी है। जिसके लिए कोई भी नियम तय नहीं किये गए। रोजगार कार्यालय अधिनियम की भी सरेआम धज्जियां उड़ाई गई हैं और दिन प्रतिदिन अस्पताल परिसर में लापरवाही के मामले बढ़ रहे हैं। आज मेडिकल कालेज में एक महिला मरीज अपनी जान तीसरी मंजिल से कूदकर देती है तो उस समय मेडिकल कालेज में तैनात सुरक्षा कर्मचारी और वार्ड अटेंडेंट क्या कर रहे थे, यह भी सपष्ट नही हो पाया है। हाल ही वर्ष के जनवरी माह में एक पुरुष मरीज रहस्मय परिस्थितियों में रातों रात अस्पताल परिसर से गायब हुआ। एक हफ्ते बाद उस मरीज़ का शव मेडिकल कालेज के बाहर से कुछ दूरी पर स्थित कुएं से मिला। मरीज अस्पताल परिसर से कैसे गायब होता है और उसकी मौत कैसे हुई, यह आज भी रहस्य ही है।
रजनीश सोनी ने कहा की मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग पदों पर मनचाहे और क्षेत्र विशेष के खास लोगो को नियुक्त किया गया है। सुरक्षा कर्मचारियों की आज तक कोई परीक्षण नहीं होता आया है । और जब बंद दरवाज़े से अयोग्य लोगों को आउटसोर्सिंग पदों पर नियुक्तियां दी जाएंगी तो अस्पताल का हाल तो बेहाल होगा ही। इस बारे में वह स्वंय मुख्य न्यायाधीश शिमला को लिखेंगे । अस्पताल प्रशासन लाखों की राशि सीसीटीवी कैमरों और सुरक्षा व्यवस्था पर प्रत्येक वर्ष खर्च कर रहा है लेकिन फिर भी ऐसे हादसों पर रोक नहीं लग पा रही, इनके कारण पता करने चाहिए ।
युवा नेता रजनीश सोनी ने पुलिस महानिदेशक से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है । उन्होंने सरकार से मेडिकल कॉलेज में एक नया पद सुरक्षा अधिकारी के रूप में स्वीकृत किया जाने का आग्रह किया है जो सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी या फौज का अधिकारी हो ताकि मेडिकल कॉलेज नेर चौक में नियुक्त आउटसोर्सिंग सुरक्षा कर्मचारियों पर नकेल कसी जा सके।