स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि भारत सरकार से ई-मेल पर नोवेल कोरोना वायरस से बचाव की चेतावनी मिलने के तुरंत बाद प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इससे बचाव और नियंत्रण संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जन साधारण के लिए बचाव के उपाय स्वास्थ्य विभाग की वैबसाईट पर उपलब्ध करवा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को परामर्श दिया जाता है कि अपने हाथों को साबुन से बार-बार और कम से कम 20 सेकिंड तक धोएं। साबुन और पानी उपलब्ध न होने की स्थिति में सेनेटाईजर का उपयोग किया जा सकता है। बिना धुले हाथों से आंख, नाक और मुंह को न छुएं और संदिग्ध व्यक्ति से संपर्क न बनाएं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थिति की निगरानी के लिए राज्य और जिला नोडल अधिकारी (एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम- राज्य निगरानी अधिकारी और जिला निगरानी अधिकारी) चिन्हित किए गए हैं। राज्य निगरानी अधिकारी और जिला निगरानी अधिकारियों के टेलीफोन नंबर भारत सरकार और प्रदेश के कॉल सेंटर 104 और मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाईन 1100 पर भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस वायरस से निपटने के लिए 31 जनवरी, 2020 को राज्य और जिला त्वरित प्रतिक्रिया दल अधिसूचित कर दिए गए हैं। प्रदेश में 6 जनवरी, 2020 को राज्य त्वरित प्रतिक्रिया दल की बैठक आयोजित की गई और सभी जिलों में जिला त्वरित प्रतिक्रिया दलों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज में आईसोलेशन वार्ड चिन्हित किए गए हैं। इन मेडिकल कॉलेजों में माईक्रो बायोलॉजी विभागों में सेंपल इकठ्ठा करने की सुविधा के साथ प्रभारी चिकित्सकों को प्राधिकृत किया गया है। सभी जिला स्तरीय अस्पतालों में 7 फरवरी के बाद आईसोलेशन वार्ड चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने सभी जिलाधीशों से अपने-अपने जिलों में होटल मालिकों से होटल में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने को कहा। यदि होटल में आने वाले किसी भी व्यक्ति ने पिछले 14 दिनों के दौरान या 15 जनवरी, 2020 के बाद चीन का दौरा किया है तो वह तुरंत इसकी जानकारी देना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि चीन या अन्य कोरोना वायरस से प्रभावित देश से आने वाले लोगों को जानकारी प्रदान करने के लिए 1 फरवरी, 2020 से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मैक्लोड़गंज (धर्मशाला) में कोरोना जागरूकता कक्ष स्थापित किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने और बचाव संबंधित उपायों के लिए समाचार-पत्रों, रेडियो और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से जागरूकता गतिविधियां चलाई जा रही हैं। जिला चिकित्सा प्राधिकरण बैठकों का आयोजन कर जिला परिषद्, खंड समितियों और ग्राम सभाओं के दौरान लोगों और पंचायती राज संस्थाओं को जागरूक कर रही है। हेल्पलाईन नंबर 104 को सक्रिय किया गया है, जिस पर 24 घण्टे सेवाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाईन 1100 पर भी यह जानकारी ली जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किसी भी मामले को यातायात सुविधा के लिए निजी बचाव यंत्र और मास्क की सुविधा से लैस तीन 108 एंबुलेंस को तैनात किया गया है। सभी जिलों से प्राप्त रिपोर्ट को राज्य स्तर पर एकत्रित कर प्रतिदिन भारत सरकार को भेजा जा रहा है। विपिन सिंह परमार ने कहा कि जिला सोलन के दो हिमाचली और आठ चीनी व्यक्तियों ने बताया है कि उन्होंने पिछले दिनों चीन की यात्रा की, लेकिन उनमें से कोई भी चीन के वुहान शहर नहीं गया था। उनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं और स्वास्थ्य विभाग बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ के लिए उनकी जांच कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार से 3 फरवरी, 2020 को हिमाचल से संबंध रखने वाले 145 लोगों की सूची प्राप्त हुई है। जिला चिकित्सा प्राधिकरण ने उनको सामुदायिक निगरानी में रखा है। इनमें से 46 लोगों की जरूरी 28 दिन की निगरानी पूरी हो चुकी है और बाकी 111 व्यक्तियों (स्वयं जानकारी प्रदान करने वाले कुल 12 लोगों- चम्बा के चार और सोलन के आठ के अतिरिक्त) की प्रतिदिन निगरानी की जा रही है।