दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का ख़ाता तक नहीं खुलता दिख रहा है जबकि बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की सीटें भी रुझानों में कम होती जा रही हैं। इसी के चलते हिमाचल में सियासत उफ़ान पर है। बीजेपी जहां कांग्रेस के नामो निशान मिटने की बात कह रही है तो वहीं कांग्रेस बीजेपी की हार के काफी खुश जान पड़ रही है। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का चुनाव परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा, जिसका उन्हें दुःख है। लोकतंत्र में जनमत ही सर्वोपरि होता है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। यहां तक कि दिल्ली के लोगों ने भाजपा के अहंकार को तोड़ते हुए और उसकी तानाशाही पर सबक सिखाया है। आने वाले समय मे देश के लोग भाजपा की तानाशाही से मुक्त होंगे। लोकतंत्र में किसी भी प्रकार की तानाशाही नहीं चलती।
राठौर ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में केंद्र सरकार की सारी मशीनरी तो लगाई ही, साथ में देश के अन्य भाजपा शासित राज्यों के नेताओं को भी इन चुनावों में पूरी ताकत के साथ झोंक रखा था। भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनावों को प्रतिष्ठा का सवाल बना कर देश के राष्ट्रवाद बनाम ग़द्दार जैसे नारे का उद्घोष करवा कर देश की साम्प्रदायिक सौहार्द को तोड़ने की जो नापाक कोशिश की थी, उसमें उसे मुंह की खानी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव भाजपा तो हारी ही है, साथ मे भाजपा नेतृत्व एनडीए सरकार की भी एक बड़ी हार है। देश की राजधानी दिल्ली के लोगों ने भाजपा सरकार को पूरी तरह नकार दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपनी पूरी प्रदेश सरकार को जिस प्रकार से चुनाव प्रचार में झोंक रखा था उसे भी एक बड़ा सबक मिल गया है कि उन्हें अपने प्रदेश के विकास और उसकी समस्याओं के बारे सोचना चाहिए। मुख्यमंत्री के भाजपा की जीत के बड़े बड़े दावे हवा हवाई हो गए हैं।