जिला कांगड़ा के देहरा में स्थित अस्थाई केंद्रीय विश्वविद्यालय में एबीवीपी द्वारा अपनी स्थानीय मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन एवं सरकार के विरुद्ध मूक प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने मुंह पर काली पट्टियां बांध कर प्रदर्शन किया और कक्षाओं का बहिष्कार किया। एबीवीपी के छात्र-छात्राओं ने इस संस्थान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए छात्रा प्रमुख ने कहा कि बीते 11 सालों से राज्य में मात्र टोपियों के रंग बदले हैं। सरकार का केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रति रवैया नहीं बदला है। सैंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल में छात्रों के साथ केंद्र और राज्य सरकार भेदभाव की नीति अपना रही है। छात्रों को मजबूरन शिक्षा का बहिष्कार करना पड़ रहा है।
विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द मांगों को पूरा नहीं किया गया तो उग्र आन्दोलन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेवारी प्रशाशन ओर सरकार की होगी। देहरा इकाई में एबीवीपी के प्रमुख हेमंत ठाकुर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि स्थाई परिसर का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए। ग्यारह सालों से इसका निर्माण अटका हुआ है अब इसके लिए अलॉट की गई भूमि के शिलान्यास को भी एक साल पूरा हो चुका है।
यहां अस्थाई कैम्पस में क्लासें चल रही हैं लेकिन मूलभूत सुविधाएं नदारद हैं। छात्रों को हॉस्टल की सुविधा प्रदान की जाए। कैंपस में छात्राओं के लिए कॉमन रूम की व्यवस्था, परिसर में वाई-फाई की सुविधा, लाइब्रेरी में बैठने की क्षमता को बढ़ाया जाए परिसर में खेल सामग्री उपलब्ध करवाई जाए। कुल मिलाकर देहरा कैंपस में फर्नीचर तक उपलब्ध नहीं है।