हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में 144 रुपये का इजाफा करने पर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि गैर सब्सिडी सिलेंडर की कीमत बढ़ाकर बीजेपी सरकार ने गृहणियों का बजट बिगाड़ दिया है। दिल्ली की हार का बदला लेने के लिए बीजेपी ने यह कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 की शुरूआत में ही रसोई गैस सिलेंडर के दामों में लगातार दूसरी बार वृद्धि की है।
सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार आम आदमी की न होकर पूंजीपतियों की सरकार बन गई है। महंगाई पर रोक लगाने में केंद्र पूरी तरह नाकाम रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में बड़े-बड़े वादे कर दोबारा फिर सत्ता हथिया ली है, लेकिन सत्तासीन होने के बाद गरीब जनता को महंगाई की चक्की में पीस रहे हैं। उन्होंने कहा कि रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार वृद्धि करना सरकार की आर्थिक नीतियों की विफलता का परिणाम है। भाजपा की कथनी और करनी में दिन-रात का अंतर है। केंद्र सरकार को आम आदमी की आर्थिक अवस्था को देखते हुए रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में की गई बढ़ोतरी तुरंत वापिस लेनी चाहिए ताकि गृहणियों को राहत की सांस मिल सके।
उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी के कारण मध्यम वर्ग जीवनयापन के लिए सोचने को मजबूर हो चुका है। दालों के दामों में पहले से आग लगी हुई है। अरहर, मूंग, उड़द, सोयाबीन, चना व मोठ की कीमतें लगभग डेढ़ सौ रुपये प्रति किलोग्राम तक पुहंच गई हैं। दालों के साथ ही अनाज की थोक के साथ ही खुदरा कीमतें भी बढ़ी हैं। अरहर की दाल की कीमत सौ रुपये पार कर चुकी है। जिससे गरीब जनता को घर चलाना मुश्किल हो गया है। सुक्खू ने कहा कि देश में खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़कर लगभग 8 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह पिछले छह वर्ष के कार्यकाल में उच्चतम स्तर पर है।
सुक्खू ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि इस महंगाई के दौर में भी बीजेपी को आम आदमी से कोई लेना देना नहीं। बीजेपी के शासनकाल में शुरू से ही महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़कर रखी हुई है। प्याज की कीमतें लगभग पांच महीने तक 80 से 100 रुपये तक रही। बावजूद इसके केंद्र सरकार जनता को तत्काल कोई राहत नहीं पहुंचा पाई। थकहार कर लोगों को प्याज खाना ही बंद करना पड़ा। उन्होंने केंद्र सरकार से महंगाई पर लगाम लगाने की मांग की है।