मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज सोलन जिला में कंडाघाट के नजदीक चायल रोड़ पर बने दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन हत्ताक्षरित करने के एक साल के भीतर ही 250 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, कण्डाघाट अस्तित्व में आ जाना प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे दृढ़ प्रयासों की सफलता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक साल पहले स्कूल प्रबन्धन के साथ इस शिक्षण संस्थान को खोलने के लिए 250 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया था और यह प्रसन्नता का विषय है कि एक साल की अल्पावधि में ही यह संस्थान बन कर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान आने वाले समय में न केवल 6 हजार विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा सुविधाएं प्रदान करेगा बल्कि क्षेत्र के 800 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध भी करवाएगा। क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और विश्व स्तरीय शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के अलावा यह संस्थान क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी भी सुदृढ़ करेगा।
उन्होंने कहा कि स्कूलों का मुख्य काम नई पीढ़ी में सांस्कृतिक मानक और मूल्यों का हस्तांतरण करना है। क्योंकि स्कूल हमारी विविध जनसंख्या को एकल राष्ट्रीय पहचान वाले समाज में बदलते हैं और आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल ज्ञान, सीखने और पढ़ने के शैक्षणिक कौशल के संचार के साधन हैं। यह स्कूल राज्य के विद्यार्थियों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान करके उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए तैयार करेगा। एक साल की अल्पावधि में स्कूल प्रबंधन द्वारा हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान का निर्माण वास्तव में सराहनीय कार्य है जो विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने की स्कूल प्रबंधन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह स्कूल अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विकास और प्रगति के लिए निजी सहभागिता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, जिसके लिए गत साल धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया था। इस मैगा इवेंट में 36 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई। उन्होंने कहा कि प्रदेश 96000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने में सफल रहा और ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के एक माह के भीतर 13,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का ग्राउंड ब्रेकिंग का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी का विषय है कि स्कूल प्रबन्धक ने प्रदेश से संबंध रखने वाले विद्यार्थियों के लिए 60 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के अलावा कण्डाघाट तहसील से सम्बन्ध रखने वाले विद्यार्थियों के लिए शुल्क में 15 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि एक छोटा राज्य होने के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश ने देश के बहुत से बड़े राज्यों को रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि अन्य विभिन्न क्षेत्रों में विकास के आदर्श राज्य के रूप उभरा है। वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज ने कहा कि एक समय में भारत को विश्व गुरू का दर्जा हासिल था और अब समय आ गया है कि इस पुरानी प्रतिष्ठा को दोबारा प्राप्त करने के लिए हम सामुहिक रूप से कार्य करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे विकसित और प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए कृतसंकल्प है।
इससे पूर्व दिल्ली वल्र्ड पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष बलवान शौकीन ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस स्कूल का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के विद्यार्थियों को उनके घरद्धार पर विश्व स्तरीय शिक्षण सुविधाएं प्रदान कर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि स्कूल कण्डाघाट तहसील के विद्यार्थियों को फीस में 15 प्रतिशत छूट देगा।