हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज को लेकर राजनीति इसकी घोषणा के साथ सुरु हुई जो कि आजतक जारी है । जून 2018 में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पू्र्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से हमीरपुर में बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था। लेकिन यह शिलान्यास कागजों तक ही सीमित होकर रह गया और अब 2020 शुरू हो चुक्का है लेकिन अभी तक काम नहीं सुरू हो पाया है। वहीं, सबसे पहले सरकार ने इसे HSSCC और उसके बाद एनबीसी को मेडिकल कॉलेज बनाने का ठेका तो सौंप दिया लेकिन काम समय पर आज तक शुरू नहीं हुआ ।
अब सरकार ने अक्टूबर 2019 में 200 करोड रुपए का एक ठेका तीसरी एजेंसी सीपीडब्ल्यूडी को दिया है जिसके लिए बकायदा सरकार के साथ साइन mou साइन हो गया है। लेकिन अभी तक इसका काम एक बार फिर से शुरू नहीं हुआ। वहीं अगर मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइंस को फॉलो किया जाए तो उसके अनुसार जब कभी भी मेडिकल कॉलेज की घोषणा सरकारें करती हैं तो सबसे पहले हॉस्टल की सुविधा बच्चों को मिले इस चीज को तय किया जाता है । लेकिन 16 जून 2018 को शिलान्यास होने के बाद आज तक यहां पर हॉस्टल तो दूर की बात है अभी तक मेडिकल कॉलेज की बाउंड्री का भी पता नहीं है।
वहीं, इस विषय पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि हमीरपुर के साथ लगातार सौतेला व्यवहार सरकार कर रही है। यही कारण है कि जो मेडिकल कॉलेज कांग्रेस सरकार के समय हिमाचल के लिए पास हुआ था उस मेडिकल कॉलेज की क्लास जरूर हमीरपुर में शुरू कर दी गई हैं। लेकिन स्ट्रक्चर बनाने के लिए सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है जो कि हैरानी की बात है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही हम इस विषय को लेकर विधानसभा में तो जाएंगे ही लेकिन साथ ही स्थानीय स्तर पर भी धरना प्रदर्शन करना पड़े तो उसे भी पीछे नहीं हटेंगे।
उधर, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अनिल चौहान ने कहा है कि अब इसको बनाने का ठेका तीसरी कंपनी को सरकार ने दिया है और जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने हॉस्टल को लेकर मेडिकल कॉलेज में एमसीआई की गाइडलाइंस के बारे में बताया है के अनुसार हॉस्टल व्यवस्था क्लास शुरू होने से पहले ही हो जानी चाहिए थी जो अभी तक शुरू नहीं हो सकी है।