ऊना विधानसभा क्षेत्र का राजकीय प्रारंभिक स्कूल लमलैहड़ा किसी निजी स्कूल से कम नहीं है। स्कूल में प्री नर्सरी कक्षा के बच्चों को निजी स्कूलों की तर्ज पर तामाम सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए स्कूल पुरी तरह से तैयार हो गया है। स्कूल के कमरों को इस तरह से सजाया गया है कि उसमें पाठ्य सामग्री से लेकर खेलकूद तक का सारा सामान उपलब्ध है। अब गरीब का बच्चा भी सरकारी स्कूल में निजी स्कूल की तर्ज पर तामाम सुविधाएं पा सकेगा।
स्कूल में प्री नर्सरी के कमरे में बच्चों के सीखने के लिए दीवारों को कलरफुल, आर्टफुल, चार्ट, खेलकूद का सामान, खिलौने, झूले सहित अन्य सारा जरूरी सामान मुहैया करवाया गया है। जिस सामान की बच्चों को जरूरत होती है। प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं को शुरू किया था लेकिन पहले स्कूलों में बच्चों को इस तरह की सुविधाएं न मिलने से अभिभावकों का सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने की तरफ रूझान कम था लेकिन जिस तरह से सरकार ने यह विशेष बजट देने का कदम उठाया है, उससे स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढऩे की खासी उम्मीद है।
शिक्षा विभाग जिला ऊना में 199 सरकारी प्री प्राईमरी स्कूल का कायाकल्प करने जा रही है। इसके लिए प्रत्येक स्कूल को 60-60 हजार रुपये के बजट जारी कर दिया गया है। यह आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने की दिशा में एक अच्छा प्रयास है। इससे आम लोगों में सरकारी स्कूलों के प्रति रूझान बढ़ेगा। शिक्षा विभाग द्वारा जिला ऊना के 499 प्राईमरी स्कूलों में से 199 स्कूलों में प्री प्राईमरी की कक्षाएं शुरू की गई है। इन्ही 199 स्कूलों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए रंगीन दीवारें की जाएगी। दीवारों पर हिंदी और अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर, कार्टून कैरेक्टर, पक्षी, फल, फूल, सब्जी, जानवरों के नाम सहित चित्र होंगे।
वहीं, प्रांरभिक शिक्षा उपनिदेशक संदीप गुप्ता ने बताया कि डाईट के माध्यम से जिला ऊना के 199 प्री प्राईमरी स्कूलों को 60-60 हजार रुपये का बजट जारी किया गया है। ताकि कक्षा रूम सजाने के साथ-साथ खिलौने उपलब्ध करवाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्री प्राइमरी स्कूलों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा।