जिला मुख्यालय धर्मशाला के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में शामिल करने पर पंचायत प्रतिनिधियों ने एतराज जताया। वन मंत्री गोविंद ठाकुर की अध्यक्षता में वीरवार को धर्मशाला के डीआरडीए सभागार में टीसीपी में शामिल ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने बिना सुविधाओं और विश्वास में लिए टीसीपी उन पर थोपने के आरोप लगाए। इस दौरान सुधेड़, रक्कड़, सुक्कड़, बागनी सहित अन्य क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों, जिनके कुछ क्षेत्र टीसीपी में शामिल किए गए हैं ने अपनी बात वन मंत्री के समक्ष रखी। पंचायत प्रधानों का कहना था कि सुविधाएं देकर टीसीपी लागू किया जाता तो ठीक था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिससे ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ गई हैं। आलम यह है कि टीसीपी में हर नक्शे को पास करवाना पड़ रहा है तथा गरीब ग्रामीण वर्ग को निर्माण करना मुश्किल हो गया है।
वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि जो क्षेत्र टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में लिए गए हैं, उन पर चर्चा के लिए बैठक रखी थी। सीएम जयराम ठाकुर ने केबिनेट सब-कमेटी बनाई है, जिसका सदस्य होने के नाते सीएम ने मुझे कांगड़ा टूयर पर भेजा है। कांगड़ा में हमने निर्णय लिया है कि चार हिस्सों में पंचायत प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे। धर्मशाला में 4 प्लानिंग एरिया पर चर्चा हुई।
कुछ पंचायतों के लोगों का कहना है कि इन गांवों को टाउन प्लानिंग में नहीं लेना चाहिए। इस बारे में लोगों के सुझाव लिए गए हैं, इस पर केबिनेट सब-कमेटी बैठेगी और सीएम के साथ चर्चा की जाएगी। धरातल पर काम करने की दिशा में ही पहल करते हुए बैठकें की जा रही हैं। आगामी दिनों में शहरीकरण होगा और हमें सुविधाएं भी देनी हैं, जो समस्याएं हैं, उनका समाधान भी करना है।