हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर जयराम सरकार पर हमला बोला है। सुक्खू ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ जहां युवाओं को रोजगार देने की बात कर इन्वेस्टर मीट जैसे मसलों को भुनाने का प्रयास कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत पिछले साल 300 करोड रूपया युवाओं के लिए खर्च करने के लिए सरकार के पास आया था लेकिन सरकार आज तक उस पैसे को खर्च नहीं कर पाई हैं। उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने चहेतों को लाभ मिले इसके लिए प्रदेश के हजारों युवाओं का चाहे नुकसान हो जाए कुछ ऐसा ही मामला इस योजना के तहत नजर आ रहा है।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की करीब 4000 ऐसे युवा जो दूसरी जगह जाकर नौकरी करने में असमर्थ थे आर्थिक तंगी के चलते उनकी सहायता के लिए इस योजना को सरकार लेकर आई थी। जिसके तहत युवाओं को करीब 35000 रुपये हर युवा के हिसाब से स्कीम के तहत दिया जाना था, लेकिन अगर मुख्यमंत्री के चहेतों को आप इस स्कीम में इन्वॉल्व नहीं करेंगे तो यह पैसा नहीं बटेगा, कुछ ऐसा ही महसूस अब तक हो रहा है। सुक्खू ने कहा कि 28 जून को मीटिंग हुई फिर 29 नवंबर को मीटिंग हुई बहुत से आवेदकों को रिजेक्ट कर दिया गया और उसके बाद एक आवेदन को लाभ पहुंचाने के लिए सभी आवेदकों को सिलेक्ट कर दिया गया तो इससे स्पष्ट होता है कि कितनी ट्रांसपेरेंसी इस सरकार में है और इससे कितना लाभ हमारे युवाओं को होगा।
उन्होंने कहा कि जो आवेदक सभी नियमों को पूरा कर रहे थे उनमें सरकार ने एक ऐसे आवेदक को भी डाल दिया है जिसको पहले ही रिजेक्ट कर दिया था और यहीं से सारा विवाद शुरू हुआ। जिसके चलते अब 1 साल करीब होने को है लेकिन इस योजना का लाभ प्रदेश के युवाओं को नहीं मिल पा रहा है । उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम को कहा कि युवाओं के साथ कम से कम सरकार खिलवाड़ ना करे। सुक्खू ने कहा कि सरकार रोजगार तो दे नहीं सकती लेकिन जो सहायता इन युवाओं की ग्रामीण कौशल योजना के तहत की जा सकती थी अब उससे भी सरकार हाथ खींचने लगी है ।
सुक्खू ने कहा कि यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है और इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए की किन-किन आवेदकों को इन्होंने रिजेक्ट किया और फिर उन सब को इन्होंने सिलेक्ट किया। उन्होंने जयराम से पूछा है कि वह बताएं कि ऐसी क्या जरूरत पड़ गई की जो आवेदक नियमों को पूरा नहीं कर रहे थे उनको जबरदस्ती इस योजना में डालने का प्रयास सरकार कर रही है तो किस लिए ।