शिमला में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने नियामक आयोग के कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया और साथ ही ताल लगा दिया। जिला संयोजक सचिन में पूरी जकनकारी देते हुए बताया कि बीते समय से चले आरहे डिग्रियों के फर्जीवाड़े को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि आज शिक्षा के क्षेत्र में जिस प्रकार बहुत से फर्जीवाड़े सामने आ रहे है। उसमें हिमाचल प्रदेश का नाम भी उपरी पायदान पर है। इसमें हिमाचल के दो निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री घोटाला हुआ है, जिसका विद्यार्थी परिषद कड़ी शब्दो में निंदा करता है। शिक्षा कोई वस्तु नहीं जिसे बाजारो में बेचने के लिए रखा जाए, लेकिन प्रदेश के अंदर जो शिक्षा को बेचने का काम किया जा रहा है। उससे छात्रो में आक्रोश है।
प्रदेश की इन निजी विश्वविद्यालयों ने विद्यार्थियों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी डिग्रियां तैयार कर बेचीं है। ये कार्य पिछले दस सालों से धड़ले और निडरता के साथ किया जा रहा है। युजीसी ने इन निजी विश्विद्यालय से संबंधित 30 अगस्त 2019 को नियामक आयोग को पत्र लिखा परंतु नियामक आयोग द्वारा अभी तक भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हिमाचल की दो विश्विद्यालय एपीजी विश्विद्यालय शिमला और मानव भारती विश्विद्यालय सोलन ने पिछले 10 सालों में करीब 7 लाख डिग्रियां बेची हैं।
प्रदेश में निजी विश्विद्यालय नियामक आयोग को किस लिए बनाया गया है क्या इसलिए बनाया गया है कि फर्जी डिग्रीयां बेचीं जाए ?? अभी तक भी नियामक आयोग और सरकार इस पर चुपी साधे हुए है। निजी विश्वविद्यालयों ने अपने एजेंट के माध्यम से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल सहित दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में डिग्रियां बेची हैं। डिग्री के नाम पर लाखों रुपये लिए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार के फर्जीवाड़े का विद्यार्थी परिषद कड़े शब्दों में विरोध करता है।
आज जब विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता नियामक आयोग के कार्यालय में जाते है तो वहां पर नियामक आयोग का अध्यक्ष वहां से भाग जाता है और जब हमने वहां पर उपस्थित कर्मचारियों से उन्हें बुलाने को कहा तो वहां की सचिव और सभी सदस्यों का भी कहना था कि उन्हें अपने हिसाब से कार्य करने से अध्यक्ष द्वारा रोक जाता है और तानाशाही रवैया अपनाया जाता है जिसके चलते वहां का कोई भी कर्मचारी नियामक आयोग के अध्यक्ष से बात तक करने को राजी नहीं है।
प्रान्त मंत्री राहुल राणा ने चेतावनी देते हुए कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार के फर्जीवाड़े के ख़िलाफ़ विद्यार्थी परिषद आने वाले समय में नियामक आयोग और सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोल देगी और यदि समय से नियामक आयोग के अध्यक्ष को अपने पद से भरख़ास्त न किया गया तो विद्यार्थी परिषद सरकार के खिलाफ भी पूरे प्रदेश में मोर्चा खोल देगी और यदि फिर भी सरकार इन फर्जीवाड़ों पर गौर नहीं करती तो विद्यार्थी परिषद आने वाले समय में विधानसभा का घेराव करने से भी परहेज नहीं करेगी।