बजट सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत पूर्व विधायक कृष्णा मोहिनी के स्वर्गवास पर शोकोदगार से हुई। सदन में उनकी मौत पर दुख जाहिर किया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कृष्णा मोहिनी की मृत्यु पर दुख जाहिर किया और परिवार को क्षति सहन करने की भगवान से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृष्णा मोहिनी एक साहसिक और शालीनता वाली नेत्री थी। कृष्णा मोहिनी सोलन विधानसभा क्षेत्र से 1998 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुन कर विधानसभा सदन में आई थी। कृष्णा मोहनी दो बार सोलन विधानसभा क्षेत्र से विधायक रही।
कृष्णा मोह्निनी हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष रही और नैतिक शिक्षा पर उन्होंने अपना योगदान दिया।सदन में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, राजीव सहजल, विधायक राकेश सिंघा, सुखविंदर सिंह सुखू, विक्रमादित्य सिंह राकेश पठानिया, लखविंदर राणा सहित कई विधायकों ने शोक प्रकट किया। वहीं, कांग्रेस विधायक आशा कुमारी की माता की मृत्यु पर भी सदन में दुख जाहिर किया गया। सदन में कृष्णा मोहनी औऱ आशा कुमारी की मां की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया।