दिल्ली में हो रही हिंसा के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रेस को संबोधित करते हुए इसे एक सोची-समझी साजिश बताया है । इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की जनता ने दिल्ली चुनाव के दौरान भी देखा कि बीजेपी के नेताओं ने बयान देकर लोगों को भड़काया। रविवार को भी एक बीजेपी नेता पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया। समय से कार्रवाई नहीं होने की वजह से लोगों की जान गई। दिल्ली के एक हेड कॉन्सटेबल की मौत हुई।
कांग्रेस अध्यक्ष ने हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है । सोनिया गांधी ने कहा कि पहले जब भी ऐसे हालात बनते थे । केंद्र सरकार बाकि दलों के नेताओं के साथ चर्चा करते हैं । वाजपेयी जी के दौर में भी जब ऐसे कभी हालात बने तो खुद उन्होंने विपक्षी दलों को फोन करके हालात को काबू करने के लिये बातचीत करते थे । लेकिन 2014 के बाद ये परंपरा मोदी सरकार ने खत्म कर दिया है ।
इससे पहले कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक बैठक हुई जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के बाद के हालात पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। इस बीच, पार्टी ने आज ही दोपहर बाद शांति मार्च निकालने का फैसला किया है जिसमें कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है। सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल और कई अन्य नेता शामिल हुए।
दिल्ली में लगातार बढ़ते हुए सामाजिक तनाव को देखते हुए कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता दोपहर बाद पार्टी मुख्यालय, 24 अकबर रोड से गांधी स्मृति, 30 जनवरी मार्ग तक साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए ‘शांति मार्च’ निकालेंगे। इसमें कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है।