कैसीसी बैंक के चेयरमैन डॉ. राजीव भारद्वाज की अध्यक्षता में वीरवार को केसीसी बैंक के वार्षिक अधिवेशन (एजीएम ) का आयोजन धर्मशाला कालेज के ऑडिटोरियम में किया गया। बैठक में बैंक के 196 के लगभग डेलीगेट्स ने इसमें भाग लिया। बैठक में डेलीगेट्स ने बट्टा खाता यानी रिजर्व फंड को लेकर सहमति नहीं दी, वहीं बैंक की ब्याज दर पर भी डेलीगेटस संतुष्ट नजर नहीं आए। केसीसी बैंक ऋण फर्जीवाड़े में केसीसी बैंक चेयरमैन ने कहा कि इस दिशा में बैंक प्रबंधन आगे बढ़ रहा है। बैंक प्रबंधन ने सख्ती से कुछ निर्णय लिए हैं, कुछ मामले ध्यान में आए हैं, उन्हें यदि विजिलेंस को देना होगा तो वैसे किया जाएगा और एफआईआर दर्ज करवानी होगी तो इस दिशा में भी प्रबंधन आगे बढ़ेगा।
केसीसी बैंक के चेयरमैन डा. राजीव भारद्वाज ने कहा कि केसीसी बैंक का वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया, जिसमें बैंक के 196 डेलीगेटस ने भाग लिया। जिसमें सभी के सामने बैंक का पूरे साल का लेखा-जोखा रखा जाता है, जिसे जनरल हाउस में पास किया जाता है। अधिवेशन में लंबी चर्चा हुई और अच्छे सुझाव मिले हैं। बैंक को आगे बढ़ाने में सुझाव अहम भूमिका निभाएंगे। एजेंडे में जितनी भी आइटम थी, उनमें सभी में लगभग सहमति बन गई है। बटटा खाता (रिजर्व फंड) उसमें डेलीगेटस को रिजर्वेशन थी, जिस पर उन्होंने सहमति नहीं दी है।
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उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधन पहले डेलीगेटस की शंकाओं का निवारण करेगा, उसके बाद इसे सहमति प्रदान की जाएगी। बैंक प्रबंधन ने सख्ती से कुछ निर्णय लिए हैं, कुछ मामले ध्यान में आए हैं, उन्हें यदि विजिलेंस को देना होगा तो वैसे किया जाएगा और एफआईआर दर्ज करवानी होगी तो इस दिशा में भी प्रबंधन आगे बढ़ेगा। डेलीगेटस द्वारा ऋण ब्याज के मामले में बैंक प्रबंधन अपनी फायनांसियल हेल्थ को देखते हुए आगामी निर्णय लेगा।