गगरेट क्षेत्र के बहुचर्चित कश्मीर हत्याकांड के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। इस ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस को भी खासा पसीना बहाना पड़ा था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रीति ठाकुर ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया। वीरवार को दोषियों में पंजाब के होशियारपुर निवासी अमरेंद्र नागरा, युवराज और गगरेट निवासी विशाल बंसल को विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन करावास की सजा सुनाई है।
मामले की पैरवी जिला न्यायवादी भीषम पाल और अतिरिक्त जिला न्यायवादी संजय पंडित ने की। अदालत ने तीनों दोषियों को धारा 302 के तहत कठोर आजीवन कारावास और 25-25हजार रूपये जुर्माना, धारा 120बी के तहत कठोर आजीवन कारावास और 25-25 हजार रूपये जुर्माना, धारा341 के तहत 7-7 साल कठोर कारावास 20-20 हजार रूपये जुर्माना और धारा 201 के तहत 3-3 साल साधारण कारावास और 5-5हजार रूपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई।
मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी भीषम पाल ने बताया कि आईटीबीपी से सेवानिवृत इंस्पेक्टर कश्मीर सिंह रिटायरमेंट के बाद गगरेट कस्बे में ही करियाना की दुकान चलाते थे। 25 मार्च 2016 की रात करीब साढ़े आठ बजे कश्मीर सिंह रोजाना की तरह दुकान बंद कर मवा सिंधियां स्थित अपने घर जा रहे थे। इसी दौरान विशाल बंसल ने अपनी कार से उनका पीछा किया और अपने दोनां साथियों अमरेंद्र नागरा और युवराज को कश्मीर सिंह की कार में लिफ्ट दिलवा दी। सभी कश्मीर सिंह की जान पहचान के थे,इसलिए उन्होंने दोनों को गाड़ी में बिठा लिया। लिफ्ट लेने के बाद करीब200 मीटर आगे बढ़ने के बाद युवराज और अमरेंद्र ने गाड़ी रूकवाकर क्लच वायर से कश्मीर सिंह का गला दबा दिया, जबकि हथौड़े से उसके सिर पर वार भी किए गए। जिससे उनकी मौत हो गई। उनकी निर्मम हत्या करके आरोपी उनके शव को गगरेट-होशियारपुर रोड पर गहरी खाई में फेंक कर उनकी कार उड़ा ले गए थे।
ब्लाइंड मर्डर की इस गुत्थी को सुलझाना पुलिस के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन लंबी पड़ताल के बाद तत्कालीन जिला पुलिस कप्तान द्वारा हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए गठित की गई एसआईटी ने इस हत्याकांड के आरोप में होशियारपुर के अमरेंद्र नागरा व युवराज सिंह को गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने मृतक कश्मीर सिंह की कार होशियारपुर से ही बरामद कर ली थी। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में अमरेंद्र नागरा व युवराज सिंह ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था और उन्होंने पुलिस को बताया था कि इस हत्याकांड की साजिश गगरेट के विशाल बंसल ने रची थी। जिस पर पुलिस ने विशाल बंसल को भी गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस द्वारा इस मामले में न्यायालय में चालान पेश करने के बाद जिला न्यायवादी भीष्म ठाकुर व अतिरिक्त जिला न्यायवादी संजय पंडित ने इस मामले की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पैरवी की। अभियोजन पक्ष द्वारा इस मामले में अदालत में 56 गवाह पेश किए गए। गत दिवस अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रीति ठाकुर ने सारे साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए तीनों आरोपियों को हत्या के लिए दोषी करार दिया।