जिला दण्डाधिकारी डॉ ऋचा वर्मा ने संबंधित विभागों से जिला पर्यावरण योजना को अंतिम रूप देने के लिए शीघ्र एक्शन प्लान तैयार करने को कहा है। वह शनिवार को जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। उन्होंने कहा कि हालांकि नगर परिषदों और नगर निकायों द्वारा अपशिष्ट निष्पादन के लिए सभी शहरी स्थानीय निकायों के लिए उप-नियमों के निर्माण को अंतिम रूप दे दिया गया है। डॉ ऋचा वर्मा ने कहा कि डोर-टू-डोर कचरा एकत्रीकरण के लिए शहरी निकायों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा समुचित व्यवस्था की जाएगी।
वन विभाग द्वारा शहरी स्थानीय निकायों के सहयोग से क्लस्टर औऱ मिनी क्लस्टर बनाए जाएंगे। लोगों को गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग से देने के संबंध में व्यापक जागरूकता प्रदान करने के लिए सूचना, शिक्षा एवं संप्रेषण कार्यनीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। जिला दण्डाधिकारी ने कहा कि माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशानुसार स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप जिला पर्यावरणीय योजना तैयार करके राज्य स्तर पर प्रस्तुत की जानी है और इसके लिए सभी विभाग अपने-अपने दायित्वों का कड़ाई से पालन करेंगे।
खुले में कचरा फैलाने पर लग सकती है बड़ी पैनल्टी
उपायुक्त ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण प्रत्येक नागरिक की जिम्मेवारी है। यत्र-तत्र कचरा फैलने से जहां अनेकों बीमारियां फैलने की आंशका रहती है, वहीं शहर व जिला की छवि भी प्रभावित होती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने घरों का कूड़ा नगर परिषद के कर्मियों को घर से ही छांट कर अलग-अलग दें। उन्होंने कहा कि खुले में कचरा फैलाने पर 1000 रुपये से 5000 रूपये तक चालान हो सकता है और कचरा फैलाने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखने के लिए कुल्लू शहर में प्रत्येक भाग में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
उन्होंने होटल मालिकों से अपने होटलों में सैनेटरी आधारित इन्सीनरेटर लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि होटल मालिक कचरे के निष्पादन के लिए छोटे कम्पोस्टर स्थापित कर सकते हैं जिससे कूडे़ की समस्या हल हो जाएगी। इसी प्रकार, सब्जी मण्डियों में निकलने वाले कचरे विशेषकर गली-सड़ी सब्जियों के निष्पादन के लिए मण्डी समितियां अपने स्तर पर व्यवस्था कर सकती हैं और कम्पोस्टर स्थापित करके नित्य प्रति गीले कचरे का समाधान कर सकती हैं। गड्ढे में सड़ी सब्जियों को डालना इसका समाधान नहीं है। जिला मैजीस्टेंट ने कहा कि जिले में अनेक टैकिंग रूट हैं, जहां सैलानी प्लास्टिक कचरा फैला रहे हैं। इसके लिए उन्होंने वन्य प्राणी विभाग को विशेष सफाई अभियान चलाने व लोगों तथा सैलानियों में जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ढुंगरी स्थित देवी हिडिम्बा परिसर के समीप टैंकिंग रूटों पर किसी प्रकार का कचरा नजर नहीं आना चाहिए। इसके लिए नगर पंचायत तथा वन्य प्राणी विभाग जल्द आवश्यक कदम उठाए।
उन्होंने नगर परिषद से कहा कि प्लास्टिक को सड़क निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को दिया जाना चाहिए। हालांकि लोक निर्माण विभाग ने प्लास्टिक को केवल शै्रडर करने के उपरांत की लेने की बात कही। इसी प्रकार, बायोमेडिकल वेस्ट का समुचित निष्पादन करने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक निर्देश दिए। निर्माणाधीन फोर-लेन में प्रतिदिन पानी का छिड़काव करने के लिए उन्होंने एनएचएआई को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य हरित अधिकरण के आदेशानुसार सड़कों के किनारे हरे पेड़ लगाए जाने चाहिए। सड़कों पर निर्माण सामग्री उतारने पर पूरी तरह रोक लगाई जानी चाहिए। ध्वनि प्रदूषण पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है और इसे किसी हालत में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वाहनों में प्रैशर हॉर्न के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है और लोगों से अपील की कि सड़कों पर अनावश्यक हॉर्न न बजाएं। इसी प्रकार, डीजे का प्रयोग रात्रि 10 बजे से बाद पूरी तरह से बंद है और उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कार्रवाई का संचालन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप मोदगिल ने किया। उन्होंने कचरा फैलाने, प्लास्टिक जलाने व पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले सभी कारकों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला और विभागों से तुरंत से एक्शन प्लान प्रस्तुत करने को कहा।