जिला ऊना में पिछले कुछ दिनों से विवादों में चल रहे ऊना के निजी शिशु अस्पताल के खिलाफ शिकायतों की सूची में एक और शिकायत दर्ज हो गई है। अब शिमला निवासी ललित शर्मा जोकि पिछले 6 साल से ऊना में ही नौकरी कर रहे है। ने सीएम हेल्पलाइन पर डॉक्टर के खिलाफ शिकायत करके जांच की मांग की है। शिकायतकर्ता के अनुसार डॉक्टर द्वारा उनके बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने के कारण उनके बच्चे की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि 26 फरवरी को दो बच्चो की मौत के चलते यह शिशु अस्पताल सुर्ख़ियों में आया था। जिसमें एक शिकायतकर्ता ने बच्चे के इलाज में लापरवाही के कारण मौत और मौत हो जाने के बाबजूद बच्चे को रैफर करने का आरोप जड़ा था।
वहीं, दूसरे मामले में परिजनों ने डॉक्टर की लापरवाही से उनके बच्चे की मौत का आरोप लगाया था। इससे पहले 3 फरवरी को भी सीएम हेल्पलाईन पर इसी अस्पताल के खिलाफ एक महिला ने उनके बच्चे का जबरन इलाज करने और दुर्व्यवहार करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। इन तीनों मामलों को लेकर 28 फरवरी को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में सीएमओ ऊना ने जांच भी की जिसमें आरोपी डाक्टर को भी शामिल किया गया था। लेकिन शिकायतकर्ता जांच से संतुष्ट नहीं थे और अस्पताल को बंद करवाने की मांग पर अड़े रहे।
जिस कारण सीएमओ ऊना ने सैक्रेटरी हेल्थ को मामलों से अवगत करवाते हुए इन मामलों की मेडिकल कालेज की उच्च स्तरीय टीम से जांच की सिफारिश की थी। सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज़ हुई चौथी शिकायत में ललित शर्मा ने बताया कि साल 2018 में उनके बेटे को दस्त लगे थे जिसे लेकर वो शिशु अस्पताल में गए लेकिन डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही बरती और बच्चे को रैफर कर दिया लेकिन जब वो अपने बच्चे को लेकर रैफर किये गए निजी अस्पताल में पहुंचे तो डॉक्टरों ने उनके बच्चे को मृत बताया। ललित की माने तो रैफर करते समय डॉक्टर द्वारा उन्हें कोई भी दस्तावेज नहीं दिया गया था। जिस कारण उस समय उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
वही, सीएमओ ऊना डॉ रमन शर्मा ने कहा कि तीन शिकायतों पर कार्रवाई अम्ल में लाई गई है और अगर कोई अन्य शिकायत आई तो उसकी भी जांच की जाएगी। सीएमओ ऊना ने बताया कि सैक्रेटरी हेल्थ से इन मामलों की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है। वहीं, सीएमओ ऊना ने माना कि अगर संबधित अस्पताल की बार-बार शिकायतें आ रही है तो जरूर कोई न कोई दिक्कत होगी।