झारखंड में क़ानून की पढ़ाई करने वाली एक आदिवासी छात्रा के साथ गैंगरेप के 11 दोषियों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई है। रांची कोर्ट के जुडिशियल कमिश्नर ने इस मामले में कुलदीप उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, अमर उरांव, वसंत कच्छप, रवि उरांव, सुनील मुंडा, ऋषि उरांव और रोहित उरांव को जीवन पर्यंत जेल में ही रहना होगा।
इस मामले के 12वें अभियुक्त की सज़ा का फ़ैसला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड करेगा। उसकी उम्र 18 साल से कम बताई गई है। झारखंड में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दुष्कर्म के किसी मामले में कोर्ट ने महज़ तीन महीने के अंदर ही ट्रायल पूरा कर लिया हो। इस मामले की सुनवाई लगातार 46 दिनों तक चली। क़रीब 99 घंटों में हुई कोर्ट की कार्यवाही के दौरान कुल 21 गवाह पेश किए गए थे। दोषियों की तरफ़ से किसी ने गवाही नहीं दी। अदालत ने बीते 26 फ़रवरी को इस मामले के 11 युवकों को दोषी क़रार दिया था।
इस मामले की पैरवी कर रहे सरकारी वकील एके सिंह ने बताया कि इन्हें दोषी क़रार देते वक़्त कोर्ट ने कहा था कि दो मार्च को अभियुक्तों की सज़ा के बिंदुओं पर सुनवाई होगी। इन्हें आईपीसी की धारा 376 (डी), 366, 120-बी, 379 और 411 के तहत दोषी क़रार दिया गया है. मतलब, न केवल गैंगरेप बल्कि अपहरण और चोरी के मामले भी प्रमाणित हुए हैं।
एके सिंह ने बीबीसी से कहा, "इन दोषियों ने 26 नवंबर, 2019 की शाम को लॉ की छात्रा का अपहरण कर उनके साथ गैंगरेप किया था। अगले दिन इसकी एफ़आईआर दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने उसी दिन सभी दोषियों को गिरफ़्तार कर लिया था। 28 नंवबर को उन्हें मीडिया के समक्ष पेश करने के बाद 29 नंवबर को सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया था। सारे दोषि एक ही गांव के रहने वाले हैं।"