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शांता बोले- निर्भया के दोषियों की बार-बार फांसी टलने से पूरी व्यवस्था बनी ‘उपहास’

मनोज धीमान |

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने निर्भया के दोषियों की तीसरी बार फांसी टलने पर चिंता व्यक्त की है। शांता ने कहा कि दोषियों को  फांसी न होने से पूरी व्यवस्था एक उपहास बनती जा रही है। छोटे-छोटे बहानों पर कोर्ट में नई पैशी मिल रही है। आरोपी ने वकील बदलने के लिए पेशी मांगी, क्या आरोपी को पेशी पर आने से पहले वकील नहीं बदलना चाहिए था?

शांता ने कहा की आरोपियों की फांसी में यह देरी देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ा और अन्याय है। साथ ही उन अपराधियों के साथ भी अन्याय है। उन्हें केवल एक बार फांसी की सजा हुई है लेकिन इस प्रकार उन्हें प्रतिदिन फांसी दी जा रही है। यही कारण है कि हैदराबाद जैसे एनकाऊंटर पर सारा देश खुशी से झूम उठता है और निर्भया की फांसी टालने से पूरा देश लज्जित अनुभव कर रहा है।

उन्होंने कहा कि क्या सब प्रकार की कानूनी औपचारिकताएं केवल एक साल में पूरी नहीं की जा सकती? और क्या यह सब करने के लिए किसी अवतार की इन्तजार की जा रही है। दूर कहीं बैठी निर्भया की आत्मा उस दर्दनाक घटना को याद करके सारी व्यवस्था को धिक्कार रही होगी।