पहले तो ट्रांसपोर्ट कंपनियां ट्रांसपोर्ट से संबंधित गाड़ियों को बेचने के लिए तरह-तरह के वादे वह सर्विस देने की बात करते हैं लेकिन जब मोटर कंपनी से गाड़ी खरीद ली जाती है तो उसके बाद लोग सर्विस के लिए मोटर कंपनियों के चक्कर काटने को मजबूर होते हैं। ऐसे ही एक मामला जिला सोलन के औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में इन दिनों चर्चाओं में है। जहां पर देश की एक नामी ट्रांसपोर्ट मोटर कंपनी का बड़ा कारनामा सामने आया है। पीड़ित ट्रांसपोर्टर की माने तो उसने देश की नामी कंपनी से एक ट्रक अगस्त 2019 में खरीदा था और उसके बाद एक माह गाड़ी के कागज और ट्रक में बॉडी लगने में बीत गया और उसके बाद ट्रक मालिक द्वारा ट्रक में माल को काला अम्ब से लोड करके लेह के लिए चला गया। लेकिन जैसे ही ट्रक लेह से 60 किलोमीटर पीछे पहुंचा तो अचानक ट्रक बंद हो गया और जब उसने ट्रक को चेक किया तो ट्रक का इंजन सीज हो चुका था।
पीड़ित का कहना है कि उसने इस बारे में नामी मोटर कंपनी के टोल फ्री नंबर पर फोन करके शिकायत दर्ज करवाई और शिकायत दर्ज करवाने के 1 सप्ताह के बाद कंपनी के मकैनिक मौके पर पहुंचे और उन पर गाड़ी को देखकर वहां से चले गए। उनका कहना है कि वह बार-बार कंपनी के लोगों को फोन करके परेशान हो चुका है और कंपनी के लोग उसे एक-दो दिन में गाड़ी ठीक करने की बात कह देते हैं। उस समय उसे यह कहकर घर जाने को कहा गया कि आपकी गाड़ी को 12 दिन के भीतर ठीक कर दिया जाएगा और आपको फोन करके यहां बुला लिया जाएगा आप अपने घर चले जाओ।
उन्होंने बताया कि 5 माह से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन कंपनी की ओर से ना तो गाड़ी ठीक करवाई गई है और ना ही उसे कोई मुआवजा दिलवाया गया है। क्योंकि वह खड़े ट्रक की 50 हजार किश्त अदा कर रहा था जिससे अब गाड़ी की कई किश्तें टूट चुकी हैं और फाइनेंस कंपनी वाले उसे किश्तों के लिए तंग कर रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि गाड़ी खड़ी हुई को 5 माह हो चुके हैं और खड़ी गाड़ी की किश्तें बढ़ती जा रही हैं और अब तक का ढाई लाख से ज्यादा का कर्जा हो चुका है।
पीड़ित का कहना है कि जब भी बात करता है तो कंपनी वाले कहते हैं कि अब लेह में बर्फ पड़ी हुई है और जब बर्फ खत्म होगी उसके बाद ही कंपनी द्वारा गाड़ी का काम करवाया जा सकेगा। पीड़ित ने कहा है कि अगर जल्द ही नामी ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा उसके ट्रक का काम और उसे उचित मुआवजा नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में कन्जयूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होगा।