मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज अपने कार्यकाल का तीसरा पेश किया। वित्तीय वर्ष 2020-21 का ये बजट 49 हज़ार 131 करोड़ का है। लेकिन इस बजट में राजस्व प्राप्तियां 38,429 करोड़ रुपए संभावित हैं जबकि राजस्व व्यय 39,123 करोड़ रहने की संभावना है। इसमें वित्तीय घाटा 7 हज़ार 272 करोड़ रहने और जीडीपी का 4 फ़ीसदी रहने का अनुमान है।
अंशकालिक कर्मियों का मानदेय 300 रुपए बढ़ाया गया, जबकि नवम्बरदारों के मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पेयजल प्रबंधन के लिए 2 हज़ार 213 करोड़ बजट का प्रावधान रखा गया है। 5,000 युवाओं को निज़ी क्षेत्र में रोज़गार देने का लक्ष्य रखा गया है। हिमाचल पथ परिवहन के लिए 343 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। सड़क रख रखाव पर 3 हज़ार 986 करोड़ का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में वार्षिक योजना 7900 करोड़ की बताई। कृषि के लिए 20 करोड़ का कृषि कोष बनाने का प्रस्ताव है। बागवानी क्षेत्र के लिए 536 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। सिलाई अध्यापिकाओं और पंचायत चौकीदारों के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी की गई। शिक्षा पर 8 हज़ार 16 करोड़ ख़र्च होंगे। सहारा योजना की राशि 2000 को बढ़ाकर 3 हज़ार किया गया। 10 नए मोबाइल हेल्थ सेन्टर खोले जाएंगे। जननी सुरक्षा योजना में आशा वर्कर की प्रोत्साहन राशि 500 रुपए बढ़ाई गई। जिसके लिए 5 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
स्वास्थ्य के लिए 2 हज़ार 702 करोड़ और आयुर्वेद के लिए 307 करोड़ खर्च होंगे। विधवाओं और दिव्यजनों की पेंशन 850 से बढ़ाकर 1000 की गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 500 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 300 रुपये और सहायिका का मानदेय 300 रुपए बढ़ाया गया। 1063 कॉन्स्टेबल भर्ती की जाएगी। पुलिस विभाग के लिए 1729 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। एनपीएस के 5,500 कर्मियों को ग्रजुएटी देने की घोषणा। दिहड़ीदारो की दिहाड़ी 250 से बढ़ाकर 275 की गई। विभिन्न विभागों में 20 हज़ार पद भरे जाएंगे। आवास पर 160 करोड़ ख़र्च होंगे।