जिला ऊना में खनन को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई नई खनन नीति के विरोध में क्रेशर और ओपन सेल लीज होल्डरों द्वारा की गई हड़ताल से निर्माण सामग्री का संकट पैदा होते है और हर तरफ हाहाकार मच गया है। निर्माण सामग्री न मिलने से जहां निजी निर्माण कार्य प्रभावित हुए ही हैं।
वहीं, सरकार द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्य भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। शुक्रवार को ठेकेदार वेल्फेयर एसोसिएशन जिला ऊना की बैठक विश्राम गृह ऊना में हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रधान गणेश कुमार ने की। बैठक में क्रैशर और ओपन सेल लीज होल्डरों द्वारा की गई हड़ताल से ठप्प पड़े विकास कार्यों को लेकर रोष जताया गया।
ठेकेदारों ने कहा कि प्रदेश सरकार क्रैशर और ओपन सेल लीज होल्डरों के साथ मिलकर कोई बीच का रास्ता निकाले। ताकि जिला में रूके विकास कार्य को गति मिल सके। ठेकेदारों ने कहा कि यह हड़ताल 3 मार्च से हड़ताल चली हुई है। जिससे निर्माण सामग्री नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार औऱ क्रशर उद्योग में उपजे गतिरोध को तोडऩे के लिए प्रदेश सरकार पहल करे। क्रशर उद्योग से निर्माण सामग्री हासिल करने के लिए हर कोई निर्भर है। ठेकेदारों ने कहा कि इस हड़ताल के कारण हमारी भी खुद ही हड़ताल जैसी स्थिति हो गई है।
जिला ऊना में ट्रिप्पल आईटी, दिव्यांग भवन के 40 करोड़ का काम, पीएमवाईजेएस के करीब 200 करोड़ का काम बहुत तीव्र गति से चल रहे थे। लेकिन निर्माण सामग्री न मिलने से बंद हो गए हैं। इतना ही नहीं लेवर, ड्राईवर, स्टाफ और ऑपरेटर को भी दिक्कत पेश आ रही है।
उन्होंने कहा कि 31 मार्च से पहले-पहले बजट खर्च करने का डंडा है तो निर्माण सामग्री न मिलने से निर्माण कार्य ठप पड़े है। ठेकेदारों की माने तो इस हड़ताल के कारण पंचायतों में भी विकास कार्य नहीं हो पा रहे है। ऐसे में प्रदेश सरकार से इस मामले में जल्द हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द इसका हल न निकला फंड लैप्स होने के लिए उन्हें दोषी न ठहराया जाए।