निज़ी स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। शिक्षा विभाग निज़ी स्कूलों की इस मनमानी को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। पिछले वर्ष मनाही के बाबजूद इस मर्तबा स्कूलों ने फिर मनमानी फ़ीस बढ़ा दी है। शिमला के प्रतिष्ठित स्कूलों, सेंट एडवर्ड, तारा हॉल, चेलसी, शिमला पब्लिक स्कूल, दयानंद स्कूल औऱ डीएवी स्कूल ने अपनी फीसें फ़िर बढ़ा दी हैं।
इन स्कूलों ने 300 रुपये से लेकर 500 तक का इज़ाफ़ा कर दिया है। पिछले वर्ष शिक्षा विभाग ने निज़ी स्कूलों को कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे उनकी भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। इन निज़ी स्कूलों को न तो किसी का डर है न ही शर्म। शिक्षा विभाग के नाक तले स्कूलों की मनमानी जारी है। लेकिन विभाग आंखे मूंदे तमाशा देख रहा है।
वैसे भी शिक्षा विभाग की निज़ी स्कूल कम ही सुनते हैं। ये बात शिक्षा मंत्री भी कह चुके है। शिक्षा विभाग के लिखित आदेशो तक को निज़ी स्कूल ठेंगा दिखाते है। यहां तक कि कुछ स्कूल तो ज़रूरी योग्यताएं भी पूरी नहीं करते है। लेकिन पूछने वाला कौन है। अब शिक्षा विभाग की विफलता को देखते हुए छात्र अविभावक संघ ने स्कूलों की मनमानी के ख़िलाफ़ आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।
संघ के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि यदि शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मनमानी पर जल्द नकेल नही कसी तो संघ निर्णायक लड़ाई लड़ेगा। क्योंकि स्कूल अब शिक्षा के मंदिर नही बल्कि कमाई की दुकानें बन चुके है। ये स्कूल सीबीएसई औऱ आईसीएसई बोर्ड के है। इसलिए भी ये शिक्षा विभाग की परवाह नहीं करते है। शिक्षा विभाग में स्कूलों की खुली लूट पर आंखे मूंद लेता है।