जिला ऊना में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जन औषधि दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम लाइव देखा। उन्होंने कहा कि जेनरिक दवाओं की गुणवत्ता के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है और इसे दूर करने का जिम्मा भी डॉक्टरों का ही है। यह बात आज उन्होंने क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में जन औषधि दिवस के अवसर पर कही। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर विशेष रूप से उपस्थित रहे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि जेनरिक दवाओं की क्वालिटी बेहतर है और इनके इस्तेमाल से गरीब व्यक्ति के धन की बचत होती है। जेनरिक दवाओं के इस्तेमाल से दवाओं का खर्च 50-90 प्रतिशत तक कम होता है।
उन्होंने उपायुक्त को पिछले तीन साल में जन औषधि केंद्रों की बिक्री और अन्य मेडिकल स्टोर की सेल पर सात दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। अनुराग ने कहा कि वह जेनरिक दवाओं के इस्तेमाल को दिशा की बैठक में एजेंडा बनाएंगे और उस पर चर्चा करेंगे। सिस्टम में अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जिला ऊना में एक रूपए के सेनेटरी पैड्स को इस्तेमाल करने वाली बच्चियों का डाटा भी उन्हें भेजा जाए।
केंद्र सरकार आम आदमी की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। क्षेत्रीय अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देन है और अब पीजीआई का सेटेलाइट सेंटर भी ऊना में लाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने स्टंट के दाम कम किए हैं, साथ ही नी-रिप्लेसमेंट का खर्च भी कम किया है लेकिन डॉक्टरों को भी अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ निभाना होगा।
ड्यूटी में कोताही नहीं होगी बर्दाश्त
कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि डॉक्टर का काम दवा के साथ दुआ देना भी है। अकसर क्षेत्रीय अस्पताल में अव्यवस्थाओं की जानकारी उन तक पहुचंती है और वह व्यवस्था में सुधार लाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह वह स्वयं जिला ऊना में स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा के लिए बैठक करेंगे और ड्यूटी में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं और उन्हें मरीज की चिंता होनी चाहिए।
बीमार होने पर गरीब आदमी पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ता है और इलाज में उसकी जमा पूंजी बर्बाद हो जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब के इस दर्द को समझा है और जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। साथ ही स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत तो प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना शुरू की है, लेकिन जानकारी के अभाव में जरूरतमंदों को इनका लाभ नहीं मिल पाता।