हमीरपुर विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र ठाकुर ने 'पर्वतधारा योजना' की शुरुआत को जल स्त्रोतों के पुनरोद्धार की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण क़दम करार देते हुये मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तारीफ़ की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में यह अपनी तरह की ऐसी पहली स्कीम है जिसमें पानी के स्रोतों को अमूल्य समझते हुये उनके जीर्णोद्धार कर सिंचाई के उद्देश्यों को पूरा करने की गम्भीर पहल की गई है।
हमीरपुर सदर के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि आने वाले समय में पानी का संकट वैश्विक समस्या बनने जा रही है। पुराने जल स्त्रोत विलुप्त होते जा रहे हैं और नये स्त्रोतों का निर्माण नहीं हो पा रहा। ऐसी स्थितियों से बचने का एकमात्र रास्ता जहां पानी के अपव्यय को रोकना होगा वहीं पर विलुप्त हो रहे जलस्त्रोतों को बचाना भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में अस्सी प्रतिशत से ज़्यादा आबादी कृषि और बागवानी पर आश्रित है। सिंचाई के लिये लोग सिर्फ़ वर्षा पर निर्भर रहते हैं। जिसके फलस्वरूप कृषि कार्य बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा 'पर्वतधारा योजना' को शुरू किये जाने की घोषणा से जल स्त्रोतों के सरंक्षण की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल हुई है जिसका लाभ प्रदेश के लाखों किसानों और बागवानों को मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि विलुप्त तथा क्षीण हो चुके जलस्त्रोतों के जीर्णोद्धार और ढलानदार खेतों में प्रवाह सिंचाई परियोजना के माध्यम से सिंचाई उपलब्ध करवाने के लिये इस योजना का सूत्रपात किया गया है। इससे प्रदेश के लाखों किसानों और बागवानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी। भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि 'पर्वतधारा योजना' में सेटेलाइट इमेज पर जल सरंक्षण जलाशयों का निर्माण किया जायेगा।
इस प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार के साथ ही विदेशी सहायता को भी साथ मिलाकर जल सरंक्षण की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ने की सकारात्मक नीवं रखी गई है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल में जल सरंक्षण की अपार संभावनाएं हैं ।और सरकार ने इस क्षेत्र को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित करने की ठोस पहल की है। उन्होंने बताया कि 'पर्वतधारा योजना' को ग्रामीण स्तर तक पंचायतों के माध्यम से कार्यान्वित किया जायेगा ताकि अधिकतम लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इस योजना से जहां जल स्त्रोतों का सरंक्षण सुनिश्चित होगा वहीं पर जल का सिंचाई के कार्यों में सदुपयोग होगा। जल सरंक्षण के साथ-साथ प्रदेश के किसानों और बागवानों की आर्थिकी के लिये 'पर्वतधारा योजना' आने वाले समय में एक वरदान साबित होगी।