दिल्ली की निज़ामुद्दीन की मरकज में करसोग के नांज गांव से लियाकत अली नामक एक व्यक्ति भी शामिल हुआ था। इस बात की पुष्टि होने से कोरोना में पहले ही डरे लोगों में हड़कंप मच गया है। इस पर सामने आकर प्रशासन ने पूरी स्थिति स्पष्ट की है। प्रशासन के मुताबिक नांज गांव का लियाकत अली अभी करसोग वापस नहीं लौटा है। प्रशासन को लियाकत अली के मरकज में शामिल होने की सूचना प्राप्त हुई थी, उसके तुरन्त बाद ही प्रशासन ने इस बारे में तबतीश शुरू कर दी थी। और पाया कि लियाकत अली अभी करसोग वापस नहीं लौटा है। करसोग वासियों के लिए ये राहत भरी खबर है। ऐसे में लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। प्रशासन ने लोगों को किसी भी तरह की अफवाह से भी सतर्क रहने को कहा है। अगर कोई भी व्यक्ति अफवाह फैलता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
प्रशासन ने लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की भी अपील की है। खासकर दुकानों में समान खरीदते हुए लोगों को उचित दूरी बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। करसोग में कोरोना से निपटने के लिए भी प्रशासन ने अपने प्रबन्ध पूरे किए हैं। नांज पंचायत के उप प्रधान तेजेन्द्र कुमार का कहना है कि लियाकत अली भी पिछले महीने निजामुद्दीन में तबलीगी जमात मरकज में शामिल होने गया था। जैसे ही इस बात की जानकारी मिली तो आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ यहां पहुंचा। मोबाइल नम्बर मिलने के बाद जब लियाकत अली से संपर्क किया गया तो बात नहीं हो पाई। इस दौरान उसके एजेंट से बात हुई उसने बताया कि लियाकत अली सुरिक्षत है। अभी उसके टेस्ट चले हैं और पुलिस की निगरानी में है।
एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि नांज गांव से लियाकत अली नाम का व्यक्ति जरूर निज़ामुद्दीन की मरकज में भाग लिया था। इस बारे में जब छानबीन की गई तो पता चला कि वह वापस करसोग नहीं लौटा है। वह गुड़गांव के क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती है और जब वो 28 दिन का क्वारंटाइन पीरियड पूरा करता है तभी उसको वहां से छोड़ा जाएगा। उन्होंने सभी लोगों से अफवाह न फैलाने और शांति बनाए रखने की भी अपील की है।