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वीरभद्र सिंह ने CM को लिखा लेटर, लॉकडाउन में आ रही समस्याओं पर दिए सुझाव

पी. चंद |

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने लॉक डाउन से उत्पन्न लोगों की समस्याओं और उनके निदान बारे मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। वीरभद्र सिंह ने लिखा है कि 'कांग्रेस की मुख्य विपक्षी दल होने के नाते प्रदेश और लोगों की समस्याओं को सरकार के समक्ष रखने की उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। देश-प्रदेश आज जिस गंभीर चुनौति से गुज़र रहा है, उससे उभरने के लिए कांग्रेस मजबूती से सरकार का साथ दे रही है। जनहित में कांग्रेस के सुझावों पर सरकार को गंभीरता से विचार कर इस पर शुद्ध मन से कांग्रेस के सुझावों पर एक बृहद कार्ययोजना बना कर काम शुरु करना चाहिए।

कांग्रेस विधायक दल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा प्रतिपक्ष नेता मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया, जिसमें प्रदेश के ताजा हालात पर बड़ी गम्भीरता से व्यापक विचार विमर्श करते हुए कांग्रेस विद्यायकों की चिंताओ को सरकार के समक्ष रखने का निर्णय लिया गया। यह पत्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मार्फ़त भेजा गया है जो बैठक के बाद तय हुआ।

वीरभद्र सिंह ने पत्र में लिखा है कि 22 मार्च से प्रदेश में लॉक डाउन की वजह से सभी प्रकार की वाणिज्यिक, व्यवसाईक गतिविधियों के साथ साथ कृषि, बागवानी पर इसका व्यापक बुरा असर पड़ा है। आम आदमी का जीवन भी बहुत प्रभावित हुआ है। प्रदेश की सभी स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं अस्त व्यस्त होकर रह गई है। कांग्रेस विधायक चाहते है कि प्रदेश सरकार एक उच्च स्तरीय ऐसी आर्थिक विशेषज्ञ समिति का गठन करें जो प्रदेश लॉक डाउन के दौरान हुए नुकसान का जायजा लेकर अपनी एक्सपर्ट राय देते हुए प्रदेश को इससे उभरने की कोई ठोस रणनीति का प्रस्ताव प्रस्तुत करें। इससे प्रदेश की बिगड़ती वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकें।

पत्र में सरकार का कई बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रदेश में बेमौसमी वारिश और ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान पर भी चिंता व्यक्त की गई है। उन्होंने किसानों बागवानों को तुरन्त कोई राहत देने ,सब्जी उत्पादकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान करने को भी कहा है जिनकी सब्जियां या तो बाजार बंद होने या ट्रांस्पोर्ट न होने से खराब हो गई या फिर बेमौसमी बारिश या ओलावृष्टि से।

पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि आम, लीची, चेरी ,आड़ू, पलम, खुमानी जैसे अनेक फलों की फसल भी आज चौपट हो चुकी है, इन्हें भी राहत के साथ कोई आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए। पत्र में कहा गया है कि सेब प्रदेश की आर्थिकी का एक बड़ा महत्वपूर्ण क्षेत्र है। कोरोना और लॉक डाउन से बाजार की व्यवस्था अस्त व्यस्त होने की बजह से लादानी और आढ़तियों के इस बार यहां आने की कम ही संभावना है। इसलिए प्रदेश सरकार को एचपीएमसी और हिम्फेड से सेब खरीद कर उन्हें विपणन करने की पूरी व्यवस्था करनी चाहिए। इसके लिए कार्टन बॉक्स, ट्रे आदि की व्यवस्था भी अभी से की जानी चाहिए।

पत्र में बिज़नेस, टूरिज्म और इंडस्ट्रीज के बिगड़े हालत पर भी चिंता प्रकट करते हुए इनके बिजली, पानी के बिल घरेलू मूल्य के आधार पर लेने को कहा गया है। साथ ही उन व्यवसाइयों को जिन्होंने बैंक से लोन आदि ले रखा है उनकी ईएमआई एक साल के लिए स्थगित करने, इसी के साथ पर्यटन और उद्योगों में लगे कर्मचारियों के 6 माह तक का वेतनसरकारी कोष से करने को कहा है, क्योंकि यह सब पिछले एक माह से अधिक समय से बंद पड़े हैं और अभी आगे भी ऐसी ही ऐसी ही स्थिति बने रहने की आशंका है। इन्हें इनके प्रोपर्टी टेक्स में मार्च से छूट देने और एलपीजी गैस कमर्सिअल से घरेलू दरों में प्रदान करने के साथ नगर निगम के 30 प्रतिशत सेस को कम करने को भी कहा है।

प्रदेश की भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा में दूर दराज के क्षेत्रों में छात्रों के पास स्मार्टफोन का न होना और साथ मे नेटवर्क की समस्या एक बड़ी दिक्कत हो सकती है। निजी स्कूलों के अध्यापकों और स्टाफ को लॉक डाउन अवधि के वेतन का भुगतान सरकार को ही करना चाहिए, क्योंकि सरकार ने इन संस्थानों से इस दौरान की बच्चों से फीस न लेने को कहा है। कोरोना माहमारी से रक्षा के लिए पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग किट के साथ साथ मास्क, सेनेटाइजर, पीपीई और बेसिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।

पत्र में बेरोजगारी की बढ़ती समस्या को देखते हुए मनरेगा के तहत कम से कम 200 दिनों का कार्य अर्जित करने की बात कही गई है। औद्योगिक क्षेत्र में काम बंद होने से हजारों कामगार बेरोजगार हो गए है, इसलिए सरकार को इन्हें बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए। प्रदेश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था पर भी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया है कि लॉक डाउन की वजह से सरकार के राजकीय कोष में एक्ससाइज और अन्य टैक्स न मिलने से सरकारी खर्च चलाना भी मुश्किल हो सकता है। इसलिए प्रदेश सरकार को केंद्र से इस नुकसान की भरपाई के लिए कोई विशेष आर्थिक पैकेज की मांग करनी चाहिए।

पत्र में प्रदेश के वह लोग जो लॉक डाउन की वजह से अन्य राज्यों में फंसे पड़े है, उन्हें पूरे स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के तहत लाने की कोई सरकारी व्यवस्था की जानी चाहिए। वीरभद्र सिंह से कहा है कि विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस ने इस आपदा के समय एकजुटता से अपनी सकरात्मक भूमिका निभाई है। उनका कहना है कि जनहित में कांग्रेस के इन सुझावों पर काम करना चाहिए, जिससे प्रदेश के लोगों को इस कठनाई के समय कोई राहत मिल सकें। उनके लंबे 58 साल के राजनैतिक कॉल में उन्होंने पहली बार ऐसी कोई माहमारी की आपदा देखी, पर देश के सभी राजनैतिक दलों, प्रवुद्ध और आम लोगों ने जिस प्रकार से इसके खिलाफ लड़ने में अपनी सहभागिता दी है, उससे साफ है कि हम जल्द ही इस माहमारी के प्रकोप से बाहर निकलेंगे।