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हिमाचल निर्माता की पुण्यतिथि की सरकार ने की अनदेखी, गोडसे की होती तो नंग पांव आते: कांग्रेस प्रवक्ता

मृत्युंजय पुरी |

हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार जी की पुण्यतिथि पर सरकार ने एक फूलमाला तक चढ़ाना उचित नहीं समझा। यहां तक कि मंत्रिमंडल की उसी दिन बैठक हुई लेकिन हिमाचल निर्माता को श्रद्धांजलि देना भी सरकार को गंवारा न था। ये प्रतिक्रिया हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज जारी प्रेस बयान में व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों को गोड़से की याद रहती है लेकिन देश को बनाने वाले, प्रदेश को बनाने वाले नेताओं की पुण्यतिथि या जन्मदिन उन्हें याद नहीं रहते। माना कि कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन था लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि भी फूलमाला अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकता था। लेकिन ये अफसोस कि बात है कि भाजपा सरकार ने प्रथम मुख्यमंत्री की अनदेखी की। यहां तक कि भाजपा के अध्यक्ष जो कि डॉ परमार के गृह ज़िला से हैं और विधायक हैं उन्होंने भी इस बारे श्रद्धा सुमन अर्पित करना मुनासिब नहीं समझा।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा विशुष राजनीतिक पार्टी है जिसे हिमाचली सरोकारों से कुछ लेना-देना नहीं है। ये जनसंघ पार्टी की वही पौध है जिसने जब हिमाचल इन गठन किया जा रहा था तो उसका डट कर विरोध किया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता जिनमें शांता कुमार भी शामिल थे, उस समय "स्टेटहुड मारो ठुड" का नारा लगा रहे थे और हिमाचल को पंजाब में शामिल करने की वकालत कर रहे थे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इससे भाजपा की दोमुंही विचारधारा का पता चलता है।उन्होंने भाजपा के इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा को एक अवसरवादी पार्टी करार दिया।