राज्य सभा सांसद आनंद शर्मा ने आज शिमला में कहा कि पीएम मोदी के तुगलकी फरमान 'नोटबंदी' को एक साल पूरा हो गया है। शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी के इस फरमान ने देश की जनता को गरीब बना दिया है। उन्होंने कहा की देश में नोटबंदी को पीएम मोदी ने कालाधन, भ्रष्टाचार, और टेरर फंडिंग को रोकना नोटबंदी का मकसद बताया था। लेकिन, आज तक पीएम देश की जनता को हिसाब किताब नहीं बता पाए कि कितना कालाधन नोटबंदी से वापिस आया आतंकवाद को आज भी फंडिंग हो रही है।
शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के बाद भी देश में मनी लॉन्ड्रिंग खत्म नहीं हुई है और जो मौतें नोटबंदी के बाद हुई उसका जबाव पीएम मोदी ने क्यों नहीं दिया? आनंद शर्मा ने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की बात मानी होती तो देश को नुकसान नहीं होता, मनमोहन सिंह ने कहा था कि नोटबंदी से जीडीपी गिरेगी।
लेकिन, पीएम अहंकार में डूबे हुए है इसलिए उनको सही गलत का पता नहीं चल रहा है। नोटबंदी से बेरोजगारी बढ़ी हैऔर करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए, इसकी भरपाई कौन करेगा? आनंद शर्मा ने बताया कि बीजेपी कह रही है कि नोटबंदी से कैसलेस की शुरुआत हुई लेकिन, नोटबंदी से कोई भी देश न कैसलेस हुआ है और न हो सकता है।
इसलिए भारत जैसे देश में कैसे लेस के दावे करना जमीनी हकीकत से दूर है। किसानों और गरीबों के कर्ज तो माफ नहीं हुए दूसरी तरफ बड़े राजघरानों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। जीएसटी से देश को नुकसान हो रहा है। वित्त मंत्री विपक्ष के सवालों का जबाव नहीं देते है। यानी कि केन्द्र सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों से देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है।