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मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने की अंतर जिला परिवहन सेवाएं शुरू करने की सिफारिश

पी. चंद, शिमला |

जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमण्डलीय उप-समिति की बैठक में सुरक्षा मानकों को अपनाते हुए जिले के अंदर और एक जिले से दूसरे जिले के लिए परिवहन सेवाएं शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में उप-समिति के सदस्य शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह और वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर उपस्थित थे।

बैठक के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों को इंवेस्टमेंट प्रोमोशन बिल में खनन के अनापत्ति प्रमाण पत्र को शामिल करने और खनन की प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए निर्देश दिए गए। यह भी निर्देश दिए गए कि कॉरपोरेट की सामाजिक जिम्मदारी निधि की निगरानी के लिए विभागाध्यक्ष और उप विभागाध्यक्ष के स्तर पर प्रशासनिक समिति गठित की जाए ताकि इस निधि का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। समिति ने स्वास्थ्य क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण पर भी बल दिया।

ग्रामीण विकास विभाग ने समिति को अवगत करवाया कि स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए विकासात्मक गतिविधियां बहाल कर दी गई हैं। समिति ने निर्देश दिए कि पंचायतों के अन्तर्गत चल रहे विकास कार्यों के लिए 80 प्रतिशत अदायगी की जाए ताकि मजदूरी निरन्तर रूप से प्रदान होती रहे। समिति ने सुझाव दिया कि स्वारघाट, नालागढ़ और डमटाल में स्वचालित अतिरिक्त वजनी पुल निर्मित किए जाएंगे। आर्थिकी में सुधार के लिए समिति ने निर्देश दिए कि वन स्वीकृतियों की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए और वन स्वीकृति अधिनियम के अन्तर्गत मामलों में तेजी लाई जाए।

बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को सुदृढ़ीकरण पर बल दिया गया क्योंकि यह विभाग शिक्षा क्षेत्र सहित अन्य विभागों को सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि विकास कार्यों में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए और मुख्यमंत्री की घोषणाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। वन एवं ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।