हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में हुए लेन-देन के ऑडियो वायरल मामले में अब बीजेपी में गुटबाजी जारी है। इस मामले के तार बीजेपी नेता से जुड़े होने के बाद पार्टी का एक धड़ा जोरों-शोरों से इसका विरोध कर रहा है औऱ नेता का नाम सामने लाने को कह रहा है। आपसी गुटबाजी के चलते पार्टी के ही एक नेता ने PMO को पत्र लिखा और जांच करवाने की बात कही। तुरंत प्रभाव से पीएमओ की ओर से जांच के आदेश जारी हो चुके हैं और इसके लिए अधिकारी भी नियुक्त कर दिया गया है।
पत्र लिखने वाले नेता ने लिखा है कि 'भ्रष्टाचारी अधिकारी और सप्लायर एक भ्रष्टाचारी नेता की छत्रछाया में इस फसल को काट रहे हैं। प्रदेश में जहां अपने ईमानदार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। वहीं, इस भाजपा नेता ने प्रदेश में पार्टी की छवि ख़राब की है। पहले समाचार आया कि सेनेटाइजर ख़रीद मामले में भारी भ्रष्टाचार हुआ। मामला सतर्कता विभाग ने अभी दर्ज ही किया था कि एक कथित ऑडिया वायरल हो गया।
इस ऑडियो में एक सप्लायर औऱ तत्कालीन स्वास्थ्य विभाग के निर्देशक अजय गुप्ता की बात रिकॉर्ड की गई। मैंने भी वे ऑडियो सुनी औऱ सोशल मीडिया पर ये काफ़ी वायरल हो रही है। ये आवाज़ किसकी ये जांच के बाद ही साफ़ होगा लेकिन डॉक्टर गुप्त को पूछताछ के बाद विभाग ने ग़िरफ्तार किया है। ऑडियों में 5 लाख के लेन-देन की बात स्पष्ट सुनाई दे रही है। दोनो की बात का उत्साह ये बता रहा है कि न तो इन्हें कोरोना वायरस के प्रकोप का दुख है और न ही कोई भय। वे तो सिर्फ फ़सल की कटाई में व्यस्त है।
इससे भी ज्यादा दुख उस बात का है जब इसमें किसी बड़े नेता के जुड़े होने की बात कही जाती है। कहा जा रहा है कि वरिष्ट नेता निर्देशक के सेवा विस्तार की सिफ़ारिश सरकार से कर चुके थे। नेता को ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के सेवा विस्तार में इतनी दिलचस्पी क्यों थी। क्या निर्देशक नेता की कोई सेवा कर रहे थे या कोरोना के चलते हो रही सप्लाई में बड़ा हिस्सा नेता को जा रहा था। इसकी जांच जरूरी है क्योंकि बिना जांच के टिप्पणी करना ठीक नहीं रहेगा।
विस्तार में नेता का नाम छापने में किसी अख़बार ने हिम्मत नहीं जुटाई, इसलिए जब लोग कयास लगा रहे हैं तो चर्चाओं को बाज़ार गर्म हो रहा है। सब लोग अपने हिसाब से तर्क दे रहे हैं, लेकिन ये नेता कौन है अभी कहा नहीं जा सकता। इसलिए पार्टी की छवि किसी भ्रष्ट अधिकारी से ख़राब न हो इसकी जांच जरूरी है।' इस सारे पत्र पर संज्ञान लेते हुए पीएमओ ने जांच के लिए अधिकारी नियुक्त किया है जो सारे मामले की देख-रेख करेगा।
ग़ौरतलब है कि ऑडियो वायरल मामले में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशक अजय गुप्ता की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन इस लेन देन के मामले बड़े बीजेपी नेता से जुड़े होने की ख़बर छपि थी जिससे मुख्यमंत्री की छवि पर भी सवाल उठे थे।