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जीआर चिंतला ने संभाला नाबार्ड अध्यक्ष का पदभार

समाचार फर्स्ट डेस्क |

भारत सरकार में नियुक्ति उपरान्त जीआर चिंतला ने आज बुधवार 27 मई, 2020 को नाबार्ड के अध्यक्ष का पद संभाल लिया। नाबार्ड के अध्यक्ष का पद संभालने से पूर्व चिंतला बेंगलुरु स्थित ‘नैबफिन्स’ के प्रबंध संचालक के पद पर आसीन थे। चिंतला भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली से स्नातकोत्तर हैं। नाबार्ड में अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के उपरांत उन्होने नाबार्ड के प्रधान कार्यालय मुंबई और उसके बाद हैदराबाद, लखनऊ, चंडीगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप, नई दिल्ली और बेंगलुरु स्थित क्षेत्रीय कार्यालयों में विभिन्न क्षमताओं में काम किया। चिंतला ऐग्री बिज़नेस फाइनेंस लिमिटड हैदराबाद के दो वर्षों तक उपाध्यक्ष और बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान (बर्ड), लखनऊ के निदेशक भी रहे।

चिंतला को अनेकों परामर्शी समनुदेशन भी सौंपे गए जिसमे “स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) का अनुसूचित जातियों/जनजातियों की आकांशाओं की पूर्ति करने में प्रभावोत्पादकता” प्रमुख था जिसकी अनुशंसायों से सम्पूर्ण देश में एसजीएसवाई के स्थान पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) शुरू करने में मदद मिली।  चिंतला ने नाबार्ड में अपनी प्रगति यात्रा के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप के जनजाति और गैर-जनजाति के खोपरा (नारियल) उत्पादक कृषकों को उनके उत्पाद की लाभकारी कीमत सुनिश्चित करवाने के लिए वहाँ कृषक उत्पादक संगठनो का सफलतापूर्वक  शुभारंभ करवाया।

चिंतला बीस से अधिक देशों जिसमे बोलिविया, ब्राजील, केन्या, सेनेगल, इंडोनेशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, यूरोपियन देशों में अपने शोध पत्रों के प्रस्तुतीकरण और समनुदेसनों पर कार्य करने के लिए भ्रमण किया है। चिंतला के समृद्ध और विभिन्न क्षेत्रो के आधार स्तरीय अनुभवों से नाबार्ड की कृषि और ग्रामीण विकास के मुद्दो के प्रति प्रतिबद्धता के, विशेष रूप से वर्तमान कोविड-19 महामारी की चुनौती और गहन होने की अपेक्षा है।